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आखिरी बार कतार लगवा रहा हूं : नरेन्द्र मोदी

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मुरादाबाद (उप्र) , शनिवार, 3 दिसंबर 2016 (19:18 IST)
मुरादाबाद (उप्र)। भारत को ‘बेईमानों’ से मुक्ति दिलाने का संकल्प दोहराते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नोटबंदी के बाद बैंकों और एटीएम के आगे लंबी कतारें लगने पर कहा कि मिटटी का तेल और चीनी के लिए 70 साल से कतारें लगा रही जनता से वे आखिरी बार कतार लगवा रहे हैं।
देश को नकद लेन-देन से मुक्ति दिलाने का आहवान करते हुए मोदी ने मोबाइल के जरिए खरीद-फरोख्त करने का सुझाव दिया और नौजवानों से अपील की कि वे देशवासियों को मोबाइल के जरिए लेन-देन करना सिखाएं। उन्होंने यहां भाजपा की परिवर्तन यात्रा के तहत आयोजित जनसभा में कहा कि आपने वो सरकारें अब तक देखी हैं जो अपने लिए काम करती हैं। अपनों के लिए करने वाली सरकारें बहुत आईं। 
 
आपके लिए करने वाली सरकार भाजपा ही हो सकती है। मोदी ने कहा कि इस देश को भ्रष्टाचार ने बर्बाद किया है। इस देश को भ्रष्टाचार ने लूटा है। गरीब का सबसे ज्यादा नुकसान किया है। गरीब का हक छीना है। हमारी सभी मुसीबतों की जड में भ्रष्टाचार है।
 
कानून का उपयोग करके बेईमान को ठीक करना होगा। भ्रष्टाचार को ठिकाने लगाना होगा। उन्होंने पूछा कि अगर कोई ये काम करता है तो वह गुनाहगार है क्या? कोई भ्रष्टाचार के खिलाफ लडता तो गुनाहगार है क्या? मैं हैरान हूं कि आजकल मेरे ही देश में कुछ लोग मुझे गुनाहगार कह रहे हैं। क्या मेरा यही गुनाह है कि भ्रष्टाचार के दिन पूरे होते जा रहे हैं? क्या यही मेरा गुनाह है कि गरीबों का हक छीनने वालों को अब हिसाब देना पड़ रहा है? 
 
मोदी बोले कि हिन्दुस्तान की पाई पाई पर अगर किसी का अधिकार है तो सवा सौ करोड़ देशवासियों का है। मैं आपके लिए लडाई लड रहा हूं। ज्यादा से ज्यादा (विरोधी) मेरा क्या कर लेंगे? हम तो फकीर आदमी हैं, झोला लेकर चल पडेंगे। ये फकीरी है, जिसने मुझे गरीबों के लिए लडने की ताकत दी है। 
 
नोटबंदी के फैसले को सही बताते हुए मोदी ने कहा कि गरीबों का हक छीनने वालों को अब हिसाब देना पड रहा है। बैंकों का राष्ट्रीयकरण गरीबों के नाम पर हुआ था लेकिन इस देश के आधे से अधिक लोग ऐसे गरीब थे जिन्हें कभी बैंक के दरवाजे तक जाने का मौका नहीं दिया गया। 
 
उन्होंने कहा कि जब मैंने कहा कि सबसे पहले बैंक में गरीबों का खाता खुलवाउंगा तो लोग मेरा मजाक उडा रहे थे। बडे बडे लोग अपनी पाकेट में कार्ड रखते हैं। कुछ लोगों की जेब में तो पांच पांच दस दस कार्ड होते हैं। हमने 20 करोड गरीबों को रूपे कार्ड दे दिया। अगर इस देश के गरीब को ताकत दी जाए तो गरीबी खत्म हो जाएगी। 
 
मोदी ने कहा कि पहले नोटें छपती थीं और महंगाई बढ़ रही थी और नोटों के बंडल कहीं छिप जाते थे। मैं अभी पीछे लगा हूं .. निकालो आ रहा है .. आपने देखा होगा कोने कोने से। कुछ लोग तो गरीबों के पैर पकड़ रहे हैं। ऐसा करो कि मेरा दो तीन लाख रुपए  खाते में डाल दो। कभी किसी अमीर को गरीब के पैर पकड़ते नहीं देखा था। आज जिन बेईमान लोगों ने पैसा जमा किया है वो गरीबों के घर पर भी कतार लगाकर खडे हैं। बैंक के बाहर तो वो कतार लगाता है जिसमें ईमानदारी का माद्दा होता है। बेईमान गरीबों के घर के बाहर चोरी चुपके कतार लगाये हुए हैं। 
 
उन्होंने कहा कि जब जन-धन खाता खोला गया था तब गरीबों को भी पता नहीं था कि ये कैसे काम आएगा। अब बताइए .. काम आ रहा है कि नहीं? मैं देश के सभी जन-धन खाते वाले गरीबों को कहना चाहता हूं कि जिसका भी पैसा बैंक में रखा है वो उठाइए मत। एक रुपए मत उठाइए। वो आपके घर के चक्कर काटेगा, आपके पैर पकड़ेगा।  (भाषा) 

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