पणजी। कालेधन पर रोक लगाने के लिए बड़े नोटों को चलन से बाहर करने के फैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि देश को भ्रष्टाचार से मुक्त कराने के लिए उनके दिमाग में 'कई परियोजनाएं' हैं और वह नतीजे भुगतने को तैयार हैं क्योंकि ऐसी ताकतें उनके खिलाफ हैं जिनकी 70 साल की लूट संकट में पड़ गई है।
मोदी ने गोवा में मोपा ग्रीनफील्ड हवाईअड्डे का शिलान्यास और इलेक्ट्रॉनिक सिटी परियोजना पर कार्य का शुभारंभ करने के बाद संबोधित करते हुए कहा, यह अंत नहीं है। मेरे दिमाग में भारत को भ्रष्टाचार मुक्त करने के लिए और भी परियोजनाएं हैं। मेरे साथ सहयोग कीजिए और 50 दिन तक मेरी मदद कीजिए और मैं आपको ऐसा भारत दूंगा जैसा आप चाहते हैं।
उन्होंने कहा, हम ‘बेनामी संपत्ति’ के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। यह भ्रष्टाचार और कालेधन को समाप्त करने के लिए बड़ा कदम है। अगर भारत में कोई धन लूटा गया है और देश से बाहर जा चुका है तो हमारा कर्तव्य उसके बारे में पता लगाने का है। मोदी अपने संबोधन के दौरान कुछ समय के लिए भावुक भी दिखाई दिए। उन्होंने कहा, मुझे पता है कि कुछ ताकतें मेरे खिलाफ हैं, जो मुझे जीने नहीं देना चाहतीं, वे मुझे बर्बाद कर सकती हैं क्योंकि उनकी 70 साल की लूट संकट में है, लेकिन मैं तैयार हूं। उन्होंने कहा कि लोगों ने 2014 में भ्रष्टाचार के खिलाफ मतदान किया था।
उन्होंने कहा, मैं वही कर रहा हूं जो इस देश की जनता मुझसे करने के लिए कह रही थी और मेरी कैबिनेट की पहली बैठक से ही यह बहुत स्पष्ट हो गया, जब मैंने कालेधन पर एसआईटी बनाई थी। पिछली सरकारों पर हमला बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने इसकी अनदेखी की...हमने भ्रष्टाचार को हराने में ईमानदार नागरिकों की मदद के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया।
विपक्षी संप्रग पर सीधा निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि कोयला घोटाले, 2जी घोटाले और अन्य घोटालों में शामिल लोगों को अब 4000 रुपए बदलने के लिए कतारों में खड़ा रहना होगा।
उन्होंने कहा कि यह संकट केवल 50 दिन का है। एक बार स्वच्छता हो जाएगी तो एक मच्छर भी नहीं उड़ सकता। यह 70 साल पुराना रोग है और मुझे इसे 17 महीने में खत्म करना है। मुझे आजादी के बाद से चल रहे भ्रष्टाचार को उजागर करना है। अगर मुझे इसके लिए एक लाख नौजवानों की भर्ती करनी पड़ी तो मैं वो भी करूंगा।
500 और 1000 रुपए के नोटों को चलन से बाहर करने के फैसले पर विपक्षी दलों की आलोचनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने सोचा कि अगर वे मेरे बाल खींचेंगे तो मैं कुछ नहीं करंगा। लेकिन आप मुझे जिंदा भी जला दें तो भी मैं नहीं डरने वाला।
इस फैसले के लिए किए गए प्रयासों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंने 10 महीने पहले एक गुप्त अभियान शुरू किया था और एक छोटी टीम बनाई थी। उन्होंने कहा कि जाहिर है कि यह उस तरह नहीं है जिस तरह रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक की थी। हमें नयी मुद्रा के नोट छापने होंगे और दूसरे कदम उठाने होंगे।
जनता से 30 दिसंबर तक 50 दिन के लिए साथ देने की अपील करते हुए मोदी ने कहा कि अगर आपको मेरी मंशा में कुछ भी खोट नजर आता हो या मेरी कार्रवाइयों में कुछ गलत नजर आता है तो मुझे सार्वजनिक रूप से फांसी पर चढ़ा दें। मैं आपसे वादा करता हूं कि मैं आपको ऐसा भारत दूंगा जो आप चाहते हैं। अगर किसी को दिक्कत होती है तो मुझे पीड़ा होती है। मैं उनकी समस्या को समझता हूं लेकिन यह केवल 50 दिन के लिए है और 50 दिन के बाद हम सफाई में सफल होंगे।
जानिए, गोवा में और क्या बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी...
* लोग मुझे जिंदा नहीं छोड़ेंगे, बर्बाद कर देंगे। उनको जो करना है, वो करें।
* बस 50 दिन तक आप मेरी मदद करें।
* यह हिंदुस्तान के ईमानदार लोगों की आवाज है।
* इस देश में ईमानदार लोगों की कोई कमी नहीं है।
* बेइमानी बंद करने के लिए मेरे दिमाग में और भी कई प्रोजेक्ट चल रहे हैं।
* अगर एक लाख लोगों को भी नौकरी देनी पड़ी तो दूंगा और इसी काम में लगाऊंगा।
* आजादी के बाद से हिसाब लूंगा।
* देश आजाद हुआ तब से अब तक का आपका काला चिट्ठा खोल दूंगा।
* कुछ लोग यह कहते हैं कि आगे देखा जाएगा तो वे लोग मुझे पहचान लेंं।
* आपका कुछ नहीं बिगड़ा है, बस आप उसे बैंक में जमा कर दीजिए।
* ईमानदार व्यक्ति के साथ हूं। मैं कहता हूं कि आपके पांच सौ रुपए में से एक पैसा भी कम करने की ताकत किसी में नहीं है।
* भिखारियों ने भी हजार पांच सौ के नोट लेने से मना कर दिया है।
* राहुल गांधी पर तंज कसते हुए मोदी ने कहा कि जो 2जी, कोयला घोटाले वाले परेशान हैं।
* आज 4 हजार बदलने के लिए लाइन में खड़े होना पड़ रहा है।
* गरीब विधवा मांओं के आशीर्वाद से देश आगे बढ़ेगा।
* कल तक जो मां गंगा में चवन्नी नहीं डालते थे, अब लाखों डाल रहे हैं।
* मैंने लड़ाई ईमानदार लोगों के भरोसे लड़ी है।
* एक बार सफाई हो जाती है तो छोटा-मोटा मच्छर भी नहीं आता।
* आपने जैसा हिंदूस्तान चाहा, मैं वह देने का वादा करता हूं।
* जिनको राजनीति करनी है वो करेंं, जिनका कुछ लुटा है वो रोते रहे।
* मैंने देश से 50 दिन का समय मांगा है। अगर 30 दिसंबर के बाद मेरी कोई गलती निकल जाए, कमी रह जाए तो देशवासी जो सजा देंगे भुगतने को तैयार हूं।
* हमारे देश में चुनाव होता है। चुनाव में क्या होता है जाना, वोट डालना और वापस आना। इस काम में भी 90 दिन लग जाते हैं।
* इस काम की सफलता का कारण सवा करोड़ देशवासी है, जो इस काम में लगे हैं। कुछ लाख लोग ही इसमें शामिल नहीं है।
* चारों तरफ, खासकर देश की युवा पीढ़ी इस काम को सफल करने में लगी है।
* पुराने बैंक कर्मचारियों ने भी काम करने की गुहार लगाई, उनका अभिनंदन।
* साल भर में बैंक कर्मचारी जितना काम करते हैं, उससे ज्यादा काम वह एक हफ्ते में कर रहा था।
* सिनेमा के लिए लाइन लगाते है ना तो वहां भी झगड़ा हो जाता है लेकिन चार दिन से लाइन में लगे लोग कह रहे हैं कि तकलीफ हो रही है लेकिन देश का भला हो रहा है।
* बहुत बड़ा सीक्रेट ऑपरेशन किया।
* मैंने आठ तारीख को ही कहा था कि इस निर्णय से तकलीफ होगी।
* अमीरों की रात की नींद उड़ गई है।
* मैं धीरे-धीरे देश की आर्थिक दशा सुधार रहा था।
* 30 करोड़ लोगों को खाता, डेबिट कार्ड दिया।
* 2 करोड़ लोगों को डेबिट कार्ड दिए।
* एक साल पहले रुपे कार्ड दिया था।
* 2 साल में सवा लाख करोड़ रुपए सरकारी खाते में जमा हुए।
* हमने लोगों से कहा कि गलत पैसे पड़े हैं तो जमा करा दीजिए।
* मोदी को जिंदा जला दोगे तो भी मैं डरने वाला नहीं हूं।
* 2 साल में सवा लाख करोड़ रुपए सरकारी खाते में जमा हुए।
* हमने लोगों से कहा कि गलत पैसे पड़े हैं तो जमा करा दीजिए।
* मोदी को जिंदा जला दोगे तो भी मैं डरने वाला नहीं हूं।
* मैं कुर्सी के लिए पैदा नहीं हुआ हूं। मैंने देश के लिए घर-परिवार छोड़ा।
* कोई इनकम टैक्स वाला आपसे ज्यादती नहीं करेगा। अगर कोई ज्यादती करेगा तो आप मोबाइल पर उसकी रिकॉडिंग कीजिए।
* दो लाख रुपए से ज्यादा की ज्वैलरी खरीदने पर पैन कार्ड आवश्यक।
* सरकार से देश को अपेक्षा।
* फैसले से तकलीफ का पता था।
* भ्रष्टाचार खत्म करने की जिम्मेदारी।
* प्रॉपर्टी बाजार में कालाधन।
* अब बेनामी संपत्ति पर हमला करेंगे।
* हमने दूसरे देशों से कालेधन पर समझौते किए।
* आपने कालाधन कम करने को कहा था।
* हमने देश से खुलकर बात की।
* पहले की सरकार काम टाल रही थी, हमने किया।
* देश को कभी अंधेरे में नहीं रखा।