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विवादों से भरी रही नरेन्द्र मोदी की भाबरा यात्रा

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, मंगलवार, 9 अगस्त 2016 (16:07 IST)
इंदौर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की झाबुआ यात्रा विवादों से अछूती नहीं रह पाई। रैली में अव्यवस्थाओं का आलम तो रहा ही, जगह जगह जाम के चलते लोग कार्यक्रम स्थल तक ही नहीं पहुंच पाए।
गौरतलब है कि मोदी अमर क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद की जन्मस्थली भाबरा में मंगलवार को आदिवासी दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए साथ ही जरा याद करो कुर्बानी अभियान की भी शुरुआत भी की। 
 
मोदी की रैली को लेकर विवाद की शुरुआत इंदौर के कलेक्टर पी. नरहरि के उस आदेश के बाद हुई, जिसमें नरेन्द्र मोदी की यात्रा और इंदौर में भारी बारिश की संभावनाओं के चलते 9 अगस्त को अवकाश की घोषणा की गई थी। स्कूलों ने भी अभिभावकों को भेजे अपने संदेश में कहा कि भारी बारिश की चेतावनी के चलते जिला कलेक्टर ने अवकाश की घोषणा की है। अत: स्कूल की छुट्‍टी रहेगी। हालांकि बाद में मौसम विभाग ने भी भारी बारिश संबंधी किसी भी घोषणा से पल्ला झाड़ लिया। 
 
दरअसल, इस छुट्‍टी का असली मकसद भारी बारिश न होकर नरेन्द्र मोदी की भाबरा यात्रा थी, जिसके लिए प्रशासन ने स्कूल बसों अपने कब्जे में ले लिया था। इन बसों से लोगों को रैली स्थल पर पहुंचाना था। प्रशासन के इस फैसले के चलते स्कूल संचालकों ने नाराजी जताई ही साथ ही विपक्ष दलों ने भी भाजपा सरकार पर जमकर हमला किया। इस पूरी कवायद में इंदौर कलेक्टर की काफी किरकिरी हुई है। खंडवा में तो आलोचनाओं के चलते प्रशासन को छुट्‍टी का आदेश वापस लेना पड़ा। 
 
जाम में फंसे लोग : इंदौर एवं अन्य स्थानों के भाजपा नेता और कार्यकर्ता भारी जाम के चलते कार्यक्रम स्थल तक नहीं पहुंच पाए। बड़ी संख्या में भाजपा नेता कुक्षी में जाम में फंस गए। दरअसल, पुलिस ने कुक्षी से रोड को डायबर्ट कर दिया था, जिससे कुक्षी से लेकर जोबट तक लंबा जाम लग गया। इससे कार्यकर्ताओं से भरी बसें और अन्य वाहन रैली स्थल तक पहुंच ही नहीं पाए। मायूस होकर लोग मांडव पहुंच गए। 
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सभा स्थल पर अव्यवस्था : मोदी के रैली स्थल पर अव्यवस्थाएं कम नहीं थीं। यहां सभा स्थल पर कीचड़ और पानी होने के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। कीचड़ की स्थिति ऐसी थी कि लोगों का वहां बैठना तो दूर खड़ा होना भी मुश्किल था।

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