नई दिल्ली। संसदीय सचिव के विवाद पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मोदी सरकार को जमकर खरी-खोटी सुनाई। केंद्र सरकार को आड़े हाथ लेते हुए केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी संसदीय सचिव बनाए तो संवैधानिक और हमने संसदीय सचिव बनाए तो असंवैधानिक। 100 चूहे खाकर बिल्ली हज को चली है। मीडिया के सामने आकर केजरीवाल ने 10 मिनट से भी कम समय में अपनी बात कही और बिना कोई सवाल-जवाब किए चले गए।
केजरीवाल ने प्रधानमंत्री से कहा कि मैं मोदी जी से हाथ जोड़कर विनम्र निवेदन करता हूं कि वे दिल्ली की जनता को बेवजह परेशान न करें। केंद्र सरकार 21 विधायकों की सदस्यता रद्द करना चाहता है। जो संसदीय सचिव बनाए गए हैं, वही सारा काम कर रहे। यही दिल्ली सरकार की आंख-नाक-कान हैं। केजरीवाल ने कांग्रेस पर भी हमला किया।
अजय माकन पर तंज कसते हुए सीएम ने कहा कि अजय माकन भी संसदीय सचिव थे। इतिहास का जिक्र करते हुए केजरीवाल ने कहा कि 1952 में भी 3 संसदीय सचिव थे। सीएम ने कहा कि हमारे विधायक पढ़े-लिखे हैं, जबकि दूसरे दलों में अनपढ़ हैं।
दिल्ली सरकार की तारीफ करते हुए सीएम ने कहा कि इन्हीं 21 संसदीय सचिवों के बलबूते ही दिल्ली की सरकार चल रही है। पूरी दुनिया में हमारे काम की चर्चा हो रही है। देश में सबसे अच्छा काम हमारी सरकार कर रही है। उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि संसदीय सचिवों को हम कोई सुविधा नहीं दे रहे।