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निर्भया डाक्यूमेंट्री मामले पर बवाल, क्या बोली सरकार...

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नई दिल्ली , बुधवार, 4 मार्च 2015 (17:32 IST)
नई दिल्ली। बीबीसी के लिए बनाए गए वृत्तचित्र में निर्भया कांड के मुख्य दोषी द्वारा महिलाओं को ही बलात्कार का जिम्मेदार ठहराने पर संसद ने बुधवार को एकजुट होकर गहरा रोष जताया और सरकार ने कहा कि वह ऐसे मामलों का वाणिज्यिक उपयोग नहीं होने देगी तथा यह सुनिश्चित करेगी कि यह भारत सहित दुनिया में कहीं भी किसी भी रूप में प्रसारित नहीं होने पाए।
 
संसद में सदस्यों द्वारा यह मुद्दा उठाए जाने पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने दोनों सदनों में दिए बयान में कहा कि इस डाक्यूमेंट्री को लेकर सारा देश शर्मिंदगी और नाराजगी महसूस कर रहा है और वह इसे किसी भी सूरत में जारी नहीं होने देंगे, चाहे वह इलेक्ट्रोनिक मीडिया पर हो, वेब मीडिया पर हो या प्रिंट मीडिया में हो।
 
उन्होंने कहा कि इस बारे में मंगलवार को ही अदालत से आदेश प्राप्त कर लिया गया है कि इस विवादास्पद डाक्यूमेंट्री को भारत में जारी नहीं किया जाएगा।
 
सदस्यों द्वारा यह कहे जाने पर कि अगर यह विदेशों में जारी होती है तो इसका भारत में जारी होना या नहीं होना बेमानी साबित होगा। गृह मंत्री ने कहा, हमें भरोसा है कि यह डाक्यूमेंट्री ब्राडकास्ट नहीं होगी और इसके प्रयास किए जा रहे हैं।
 
उल्लेखनीय है कि आगामी आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर इसे बीबीसी द्वारा प्रसारित किया जाना था।
 
उन्होंने बताया कि निर्भया कांड के दोषी से इस डाक्यूमेंट्री के लिए साक्षात्कार लेने की अनुमति जेल अधिकारियों द्वारा 25 जुलाई 2013 को दी गई थी। उन्होंने कहा कि वह इस अनुमति से अचंभित हैं।
 
उन्होंने कहा कि हो सकता है कि जेल में कैदियों से साक्षात्कार लेने के प्रावधान हों लेकिन जिस व्यक्ति को उच्चतम न्यायालय ने बलात्कारी करार दिया हो उससे साक्षात्कार की अनुमति देना चौंकाने वाली बात है।
 
गृह मंत्री ने कहा कि वह पूरे मामले की जांच कराएंगे और जवाबदेही तय करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर जरूरी हुआ तो कैदियों से साक्षात्कार लेने वाले प्रावधान की समीक्षा करके उसमें आवश्यक संशोधन करवाएंगे। (भाषा)

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