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सेना सख्त, पाकिस्तान के साथ अब नहीं चलेगा संघर्षविराम

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सुरेश एस डुग्गर

, बुधवार, 19 अप्रैल 2017 (17:04 IST)
श्रीनगर। पाकिस्तान से सटी नियंत्रण रेखा अर्थात एलओसी पर जारी सीजफायर के बीच होने वाली रहस्यमयी गोलीबारी की घटनाओं से सेना परेशान हो उठी है। उसकी परेशानी ताजा घटनाओं में उसके दो जवानों की हुई मौत है जबकि सीजफायर लागू होने के बाद 14 सालों में उसके 100 से अधिक जवान रहस्यमयी गोलीबारी में शहीद हो चुके हैं और उसकी हालत यह है कि वह इसके लिए किसी को दोषी ठहराने की स्थिति में इसलिए नहीं है क्योंकि अगर ऐसा करती है तो सीजफायर दांव पर लग जाता है। वैसे भी सेना के बकौल, एलओसी पर सीजफायर को अब जारी रख पाना संभव नहीं रहा है।
मंगलवार रात को भी पुंछ से सटी एलओसी पर भिंबर सीमा चौकी पर एक जवान की रहस्यमयी गोलीबारी में मौत हो गई। सेना प्रवक्ता कर्नल के मुताबिक, इस चौकी पर तैनात 21 पंजाब रेजिमेंट का जवान रविन्द्रसिंह सीमा पार से आई गोली से शहीद हो गया। परसों भी 20 कुमाऊं रेजिमेंट का जवान मनोहर बुद्धानी इसी प्रकार की रहस्यमई गोलीबारी में शहीद हो गया।
 
यह कोई पहला मौका नहीं है जबकि एलओसी पर रहस्यमयी गोलीबारी से किसी जवान की मौत हुई हो। पिछले 14 सालों से जारी सीजफायर की अवधि में 100 से ज्यादा घटनाएं हो चुकी हैं और 100 से अधिक जवान शहीद हो चुके हैं।
 
सूत्रों के मुताबिक, रहस्यमयी गोलीबारी की घटनाओं के पीछे पाकिस्तानी सेना के वे निशानेबाज हैं जो स्नाईपर राइफलों से भारतीय जवानों को निशाना बना रहे हैं। कई बार फ्लैग मीटिंगों में भारतीय पक्ष द्वारा इस पर आपत्ति जताई जा चुकी है, लेकिन हर बार पाक सेना ऐसी किसी गोलीबारी की घटना से इंकार कर चुकी है।
नतीजतन रहस्यमयी गोलीबारी, जिसके पीछे भारतीय पक्ष के मुताबिक पक्के तौर पर पाकिस्तानी सेना और उसके वे आतंकी पिट्ठू हैं जो सीमा के उस पार पाक सीमा चौकियों पर शरण लिए हुए हैं, से सेना परेशान हो उठी है। उसकी परेशानी का कारण, गोली का जवाब वह गोली से नहीं दे सकती क्योंकि ऐसा करना सीजफायर का उल्लंघन होगा और पाक सेना फिर उसका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लाभ उठा सकती है।
 
ऐसी दशा में सेना के पास ऐसी रहस्यमयी गोलीबारी की घटनाओं और घुसपैठ के बढ़ते दबाव से निपटने का एक ही रास्ता बचा है और वह यह है कि एलओसी पर जारी सीजफायर समाप्त हो जाए। एक सेनाधिकारी ने कहा कि सीजफायर ने पाक सेना को अपनी पोजिशनें मजबूत करने और घुसपैठ को कारगार ढंग से अंजाम देने का मौका दिया है।’
 
यह सच है। पाक सेना ने एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अपनी पोजिशनों को जिस प्रकार मजबूत कर लिया है वह भारतीय सेना के लिए चिंता का विषय बन गया है। ठीक इसी प्रकार पाक सेना द्वारा धड़ल्ले के साथ आतंकवादियों को इस ओर धकेलने की कोशिशों पर पानी फेरने में भारतीय सेना नाकाम इसलिए हो रही है क्योंकि वे खुलकर आतंकवादियों पर गोलियां या गोले भी इसलिए नहीं बरसा पाती है क्योंकि उन्हें डर लगा रहता है कि कोई गोला-गोली भटककर उस पार न चली जाए। 

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