नई दिल्ली। नोटबंदी के मुद्दे पर लोकसभा में सोमवार को नियम 193 के तहत शुरू हुई चर्चा बुधवार को भी आगे नहीं बढ़ सकी और मत विभाजन के प्रावधान वाले नियम के तहत बहस कराने की मांग कर रहे कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की बैठक दो बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के एपी जितेंद्र रेड्डी ने कालेधन को समाप्त करने के लिए करेंसी नोटों के विमुद्रीकरण के बारे में गत सोमवार को उठाई गई चर्चा को आगे बढ़ाने का प्रयास किया, लेकिन विपक्षी सदस्यों खासतौर पर तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों के भारी हंगामे में उनकी बात नहीं सुनी जा सकी।
सुबह सदन की बैठक शुरू होने पर प्रश्नकाल में भी इस मुद्दे पर विपक्षी दलों के शोर-शराबे और नारेबाजी के कारण कार्यवाही बाधित रही। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और वामदल के सदस्य अपनी मांग के समर्थन में अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे और मतविभाजन वाले किसी नियम के तहत चर्चा की मांग करने लगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार सुबह सदन में कुछ देर मौजूद रहे। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदस्यों से कहा कि वे नियम 193 के तहत चर्चा करें।
संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कहा कि हम कई बार निवेदन कर चुके हैं और आप भी कह चुकी हैं। हम चर्चा के लिए तैयार हैं। अब कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वामदल क्यों गतिरोध पैदा कर रहे हैं। हम फिर कहना चाहते हैं कि प्रश्नकाल के तत्काल बाद नियम 193 के तहत चर्चा शुरू करें। (भाषा)