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संसद बहस के लिए, बहिष्कार के लिए नहीं : नायडू

हमें फॉलो करें संसद बहस के लिए, बहिष्कार के लिए नहीं : नायडू
नई दिल्ली , सोमवार, 3 अगस्त 2015 (19:18 IST)
नई दिल्ली। संसद में गतिरोध तोड़ने के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सरकार ने कांग्रेस से सोमवार को अपील की कि वह जनता की आकांक्षाओं को ध्यान में रखकर दोनों सदनों में कार्यवाही चलने दे और उसे जिन मुद्दों पर भी ऐतराज है, उन पर कम से कम बात करने का मौका तो दे।
विपक्ष द्वारा सर्वदलीय बैठक को बेनतीजा करार दिए जाने के बाद संसदीय कार्य मंत्री एम. वेंकैया नायडू  ने कहा कि 2 घंटे तक चली इस बैठक में कांग्रेस एवं एक-दो पार्टियों को छोड़कर सभी का मानना था  कि संसद ‘बहस के लिए है, बहिष्कार के लिए नहीं’।
 
उन्होंने कहा कि बैठक में विभिन्न दलों के सदस्यों ने कहा है कि वे देश के तमाम बहुत महत्वपूर्ण मुद्दे  हैं जिन पर चर्चा किए जाने की जरूरत है। सदस्यों से उनके निर्वाचन क्षेत्र की जनता उनसे स्थानीय मुद्दे  संसद में उठाने को लेकर सवाल पूछ रही है जबकि यहां संसद के दोनों सदनों को बाधित किया जा रहा  है।
 
नायडू ने सरकार पर अड़ियल रवैया अपनाने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने पिछले सत्र में स्वयं सोनिया गांधी के घर जाकर बातचीत की परिपाटी डाली। विपक्ष की मांग पर जीएसटी और रियल एस्टेट विधेयकों को राज्यसभा की प्रवर समिति को भेजा। लोकसभा में पारित भूमि अधिग्रहण विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति के हवाले किया।
 
उन्होंने कहा कि सरकार बात करने को तैयार है। उसे अड़ियल कहना उचित नहीं है। सबसे अच्छा तरीका यही है कि बहस शुरू हो। मंत्री उसका उत्तर दे और यदि आवश्यक हो तो प्रधानमंत्री हस्तक्षेप करें। उन्होंने  अपील की कि कृपया देश की भावना को समझिए। जनता चाहती है कि विपक्ष अपने मुद्दे उठाए और सरकार उसका जवाब दे एवं उचित कार्रवाई करे।
 
नायडू ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के शासनकाल में उनके मंत्रियों के इस्तीफों के लिए भाजपा  को जिम्मेदार बताए जाने का खंडन करते हुए कहा कि संप्रग के मंत्रियों के त्याग पत्र भाजपा की मांग के  कारण नहीं हुए थे बल्कि उन्हें अपने कुकर्मों के कारण पद छोड़ना पड़ा था इसलिए कांग्रेस-संप्रग सरकार  के मंत्रियों के त्यागपत्र की सुषमा स्वराज एवं वसुंधरा राजे के मामले से कोई तुलना नहीं हो सकती।
 
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई समझौता नहीं करने की नीति पर चल रहे हैं। उन्होंने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को पूरी तरह से बेगुनाह बताते हुए कहा कि वे सरकार की सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली मंत्री हैं। उन्होंने कानूनी या नैतिक रूप से कोई गलत काम नहीं किया है।  उनके विरुद्ध रत्तीभर भी सबूत नहीं हैं।
 
उन्होंने कांग्रेस पर इस मामले में अड़ियल रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे सभी विपक्षी  दलों से पुन: अपील करते हैं कि सरकार के पास कुछ भी छिपाने के लिए नहीं हैं। लोग अपनी परेशानियों  से बहुत तंग आ चुके हैं इसलिए वे सदन की कार्यवाही चलने दें। (वार्ता)

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