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देश में पेट्रोल के दाम 65 पैसे घटे

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नई दिल्ली , मंगलवार, 30 सितम्बर 2014 (15:30 IST)
नई दिल्ली। तेल कंपनियों ने पेट्रोल के दाम मंगलवार की मध्यरात्रि से 54 पैसे लीटर (दिल्ली में वैट सहित 65 पैसे) घटा दिए हैं लेकिन डीजल के दाम में पिछले पांच साल में पहली बार संभावित कटौती को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लौटने तक रोक दिया गया है।
 
सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने इससे पहले 16 सितंबर को लागत बढ़ने के बावजूद दाम नहीं बढ़ाए थे, लेकिन अब अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम नीचे आने के बाद इसमें कटौती की है। आज मध्यरात्रि से पेट्रोल के दाम मूल्य वर्धित कर (वैट) शामिल किए बिना 54 पैसे लीटर कम किए गए हैं।
 
इस कटौती के साथ दिल्ली में वैट सहित पेट्रोल का दाम 65 पैसे लीटर घटकर 67.86 रुपए लीटर होगा। मुंबई में वैट सहित पेट्रोल का दाम 68 पैसे घटकर 75.73 रुपए लीटर रह जाएगा।
 
इससे पहले 31 अगस्त को पेट्रोल के दाम में 1.50 रुपए लीटर कटौती की गई थी। दिल्ली में वैट सहित यह कटौती 1.82 रुपए लीटर रही।

देश की सबसे बड़ी तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी) के अनुसार अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम घटने से पेट्रोल के साथ साथ बिना सब्सिडी वाले 14.2 किलो के रसोई गैस सिलेंडर का दाम भी 21 रुपए कम किया गया है। दिल्ली में कटौती के बाद इसका दाम 880 रुपए प्रति सिलेंडर होगा।
 
बहरहाल, डीजल के दाम में कटौती को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अमेरिका से लौटने तक रोक दिया गया। यह कटौती यदि होती है तो जनवरी 2009 के बाद पहली बार डीजल के दाम कम होंगे। 
 
केन्द्र सरकार ने इससे पहले जनवरी, 2013 में डीजल के दाम में हर महीने 40 से 50 पैसे लीटर की वृद्धि का फैसला किया था। मंत्रिमंडल के इस फैसले को देखते हुए पेट्रोलियम मंत्रालय को लगता है कि वह अपने स्तर पर डीजल के मामले में निर्णय नहीं कर सकता।

पेट्रोल के दाम नियंत्रणमुक्त हैं इसलिए इसमें सरकार के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोलियम पदार्थों के दाम नीचे आने के साथ ही डीजल के दाम में होने वाला नुकसान कम हुआ है और 16 सितंबर को तो इसमें 35 पैसे का लाभ होने लगा था। इस समय डीजल का दाम उसकी लागत से एक रुपया ऊंचा है।
 
समझा जाता है कि पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने इस बारे में प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है। मंत्रालय ने चुनाव आयोग को भी लिखा है और महाराष्ट्र तथा हरियाणा में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर दाम घटाने को लेकर आयोग की अनुमति मांगी है।
 
सूत्रों के अनुसार पेट्रोलियम मंत्रालय का मानना है कि 17 जनवरी, 2013 को मंत्रिमंडल की राजनीतिक मामलों की समिति ने डीजल के दाम में नुकसान को समाप्त करने के लिये हर महीने 40--50 पैसे वृद्धि का फैसला किया था। तब यह अनुमान नहीं था कि इसमें लागत से अधिक वसूली भी हो सकती है।
 
मंत्रालय का कहना है कि वह डीजल के दाम में कटौती करना चाहता है ताकि सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों के बाजार हिस्से को बरकरार रखा जा सके क्योंकि मौजूदा परिस्थितियों में निजी क्षेत्र की कंपनियां सस्ते में डीजल बेचकर बाजार हिस्से पर काबिज हो सकती हैं।
 
डीजल के दाम में इससे पहले 29 जनवरी 2009 को 2 रुपए की कटौती की गई थी। नई कटौती यदि होती है तो यह पांच साल में पहली बार होगी। 
 
समझा जाता है कि पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने इस बारे में प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है। मंत्रालय ने चुनाव आयोग को भी लिखा है और महाराष्ट्र तथा हरियाणा में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर दाम घटाने को लेकर आयोग की अनुमति मांगी है।
 
सूत्रों के अनुसार पेट्रोलियम मंत्रालय का मानना है कि 17 जनवरी, 2013 को मंत्रिमंडल की राजनीतिक मामलों की समिति ने डीजल के दाम में नुकसान को समाप्त करने के लिये हर महीने 40--50 पैसे वृद्धि का फैसला किया था। तब यह अनुमान नहीं था कि इसमें लागत से अधिक वसूली भी हो सकती है।
 
मंत्रालय का कहना है कि वह डीजल के दाम में कटौती करना चाहता है ताकि सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों के बाजार हिस्से को बरकरार रखा जा सके क्योंकि मौजूदा परिस्थितियों में निजी क्षेत्र की कंपनियां सस्ते में डीजल बेचकर बाजार हिस्से पर काबिज हो सकती हैं।
 
डीजल के दाम में इससे पहले 29 जनवरी 2009 को 2 रुपए की कटौती की गई थी। नई कटौती यदि होती है तो यह पांच साल में पहली बार होगी। (भाषा)

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