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मोदी को याद आया कच्छ का भूकंप, हर नेपाली के आंसू पोंछेंगे...

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नई दिल्ली , रविवार, 26 अप्रैल 2015 (12:20 IST)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को आकाशवाणी पर सातवीं बार देशवासियों से 'मन की बात' की।नेपाल में भूकंप से मोदी आज दुखी नजर आए। उन्होंने कच्छ में आए भूकंप को याद करते हुए कहा कि नेपाल का दुख भारत का दुख है और वे हर नेपाली के आंसू पोछेंगे।
 
मोदी ने नेपाल और भारत में शनिवार को आए विनाशकारी भूकंप में हजारों लोगों के मारे जाने पर गहरा दुख जताते हुए पड़ोसी देश को भरोसा दिलाया है कि राहत और बचाव के बाद उसके पुनर्निर्माण में भी भारत पूरी सहायता देगा।
 
प्रधानमंत्री ने आकाशवाणी पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम में नेपाल में प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान पर अपनी व्यथा व्यक्त करते हुए कहा कि मन की बात करने का मन नहीं हो रहा था आज। बोझ अनुभव कर रहा हूं, कुछ व्यथित-सा मन है।
 
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुए जान-माल के नुकसान को लेकर देश का बड़ा वर्ग परेशानी महसूस कर रहा था। इस बीच शनिवार को आए भयंकर भूकंप ने पूरे विश्व को हिला दिया है।
 
उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है मानो प्राकृतिक आपदा का सिलसिला चल पड़ा है। नेपाल में भयंकर भूकंप की आपदा। हिन्दुस्तान में भी भूकंप ने अलग-अलग राज्यों में कई लोगों की जान ली है। संपत्ति का भी नुकसान किया है, लेकिन नेपाल का नुकसान बहुत भयंकर है।
 
मोदी ने जनवरी 2001 में गुजरात के कच्छ के भूकंप का उल्लेख करते हुए कहा कि वे कल्पना कर सकते हैं कि नेपाल पर क्या बीत रही होगी।
 
उन्होंने कहा कि दुख और विपदा की इस घड़ी में भारत, नेपाल के लोगों के साथ है तथा भूकंप के कारण भारत के साथ-साथ नेपाल के प्रभावितों को भी तत्काल मदद पहुंचाना आरंभ कर दिया गया है।
 
मोदी ने कहा कि सबसे पहला काम है लोगों को बचाना। अभी भी मलबे में दबे हुए कुछ लोग जीवित होंगे, उनको जिन्दा निकालना है। विशेषज्ञों की टीम भेजी गई है। मलबे में दबे इंसानों की खोज के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित खोजी कुत्तों (स्निफर डॉग्स) को भी भेजा गया है। हमारी कोशिश है अधिकतम लोगों को जिंदा बचाया जाए।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि नेपाल में बचाव एवं राहत अभियान के बाद पुनर्वास का काम बहुत लंबा चलेगा और भारत इसमें अपनी पूरी भूमिका निभाएगा।
 
उन्होंने कहा कि सवा सौ करोड़ भारतवासियों के लिए नेपाल अपना है। उन लोगों का दुःख भी हमारा दुःख है। भारत पूरी कोशिश करेगा कि हम इस आपदा के समय हर नेपाली के आंसू भी पोंछेगे, उनका हाथ भी पकड़ेंगे, उनको साथ भी देंगे। (वार्ता)

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