नई दिल्ली। विपक्षी समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने शुक्रवार को राज्यसभा में केंद्र सरकार पर उत्तरप्रदेश के सूखा प्रभावित बुंदेलखंड क्षेत्र में खाली जल ट्रेन भेजकर तुच्छ राजनीति करने का आरोप लगाया और सदन से वॉकआउट किया।
सपा सदस्यों ने आरोप लगाया कि उत्तरप्रदेश सरकार ने केंद्र से टैंकरों के लिए, तालाबों की सफाई करने के लिए अतिरिक्त धन मुहैया कराने और बांधों के रुके हुए प्रस्तावों को मंजूरी देने का आग्रह किया था, लेकिन केंद्र ने राज्य सरकार से बात किए बिना पानी की ट्रेन बुंदेलखंड भेज दी।
रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने पानी को लेकर राजनीति करने के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि कहीं भी पानी का टैंकर भेजने से पहले उसकी भाप से सफाई (स्टीम क्लीनिंग) की जाती है ताकि पीने के पानी में कोई संदूषण न रहे।
उन्होंने कहा कि सूखाग्रस्त इलाकों में जाने से पहले 10 वैगन वाली ट्रेन की भाप से सफाई की गई और अभी झांसी में उसमें पानी भरा जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि गुरुवार को उन्होंने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से बात की थी और कहा था कि राज्य को जो भी मदद चाहिए, उसे दी जाएगी।
बहरहाल, प्रभु के जवाब को लेकर असंतोष जाहिर करते हुए सपा सदस्यों ने उनसे लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ करने के लिए माफी की मांग की और फिर सदन से वॉकआउट कर गए।
उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर सपा के नरेश अग्रवाल ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने पानी की ट्रेन बुंदेलखंड भेजने का फैसला करने से पहले उत्तरप्रदेश सरकार से कोई बात नहीं की तथा जब ट्रेन बुंदेलखंड पहुंची तो वह खाली थी, उसमें पानी नहीं था। (भाषा)