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बॉब डिलन के बहाने टैगोर के 'नोबेल' की चर्चा

हमें फॉलो करें बॉब डिलन के बहाने टैगोर के 'नोबेल' की चर्चा
, गुरुवार, 13 अक्टूबर 2016 (20:32 IST)
अमेरिकी कवि और गायक बॉब डिलन के बहाने गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर के नोबेल की भी चर्चा हो रही है। सोशल मीडिया में इसको लेकर लोग अपने विचार रख रहे हैं। लोग ट्‍विटर पर इस बात का खंडन कर रहे हैं कि बॉब पहले गायक और कवि हैं, जिन्हें नोबेल पुरस्कार मिला है। इस संदर्भ में वे टैगोर का उदाहरण सामने रख रहे हैं, जिन्हें उनकी मशहूर रचना 'गीतांजलि' के लिए नोबेल पुरस्कार मिला था। 
उल्लेखनीय है कि 1913 में रवीन्द्रनाथ टैगोर को उनके कविता संग्रह 'गीतांजलि' के लिए साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिला था। गुरुदेव एकमात्र ऐसे कवि हैं, जिनकी दो रचनाएं दो देशों का राष्ट्रगान बनीं।
 
भारत का राष्ट्रगान 'जन गण मन' और बांग्लादेश का राष्ट्रगान 'आमार सोनार बांग्ला' टैगोर की ही रचनाएं हैं। हालांकि डिलन की तुलना टैगोर से करना उचित नहीं होगा क्योंकि साहित्य के क्षेत्र में टैगोर का योगदान डिलन की तुलना में बड़ा है, लेकिन जो भी इस बहाने आज लोग टैगोर को याद कर रहे हैं। 
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लोगों का कहना है कि रवीन्द्रनाथ टैगोर के बाद एक और संगीतकार डिलन को नोबेल पुरस्कार मिला है। स्वीडिश अकादमी ने आज इसकी घोषणा करते हुए बताया कि बॉब डिलेन को 9 लाख 27 हजार 740 डॉलर की पुरस्कार राशि दी जाएगी। साहित्य के नोबेल पुरस्कार की घोषणा सबसे अंत में की गई। 

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