Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

सरकार को फटकार, ट्रैक से क्यों नहीं हटे गुर्जर...

हमें फॉलो करें सरकार को फटकार, ट्रैक से क्यों नहीं हटे गुर्जर...
जयपुर , गुरुवार, 28 मई 2015 (10:07 IST)
जयपुर।  राजस्थान उच्च न्यायालय ने एक भी गुर्जर प्रदर्शकारी को गिरफ्तार नहीं कर पाने और ‘अलोकतांत्रिक’ प्रदर्शन से लोगों को मुश्किल में डालने की अनुमति देने को लेकर मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की खिंचाई की। गुर्जरों के विरोध प्रदर्शनों के कारण राज्य में सड़क एवं रेल सेवाएं बाधित हो गई हैं जिसके कारण आम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। 

कोर्ट की सख्ती को देखते हुए बैंसला ने गुर्जरों से कहा है कि वे ट्रेक छोड़ खेत में बैठ जाए। इस बीच दौसा कलेक्टर ने ट्रैक से गुर्जरों को खदेड़ने के लिए पेरा मिलिट्री फोर्स की 11 कंपनियां मांगी हैं। इनमें से 5 कंपनियां दौसा में पहले से मौजूद हैं। हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद सरकार के इस रुख को देखते हुए लग रहा है कि जल्द ही रेल व सड़क मार्ग पर यातायात बहाल हो सकेगा।
 
 उच्च न्यायालय ने अधिकारियों से कहा कि वे सभी सड़कों और रेल मार्गों से अवरोध हटाने के लिए तत्काल कार्रवाई करें। अदालत ने मुख्य सचिव और डीजीपी को कल तक शपथ पत्र जमा करके यह स्पष्ट करने का निर्देश दिया कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के तहत कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
 
अदालत ने उनसे कहा कि वे गुर्जरों के विरोध प्रदर्शन के कारण निजी एवं सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की विस्तृत जानकारी मुहैया कराएं। गुर्जर सरकारी नौकरियों में पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
 
अदालत की एकल पीठ ने कहा कि आप :मुख्य सचिव और डीजीपी: नौकरशाही और कानून व्यवस्था तंत्र के प्रमुख होने के नाते गुर्जर प्रदर्शनकारियों और राज्य सरकार के बीच राजनीतिक वार्ता के केवल दर्शक बने रहने के लिए बाध्य नहीं हैं।’
 
न्यायमूर्ति आर एस राठौड़ ने कहा कि हम इन अलोकतांत्रिक प्रदर्शनों से लोगों को मुश्किल में डालने की अनुमति नहीं दे सकते। ऐसा प्रतीत होता है कि आप दोनों आम लोगों की मुश्किलों को लेकर संवेदनहीन हो गए हैं। हम स्पष्ट शब्दों में आपसे यह कह रहे हैं कि अदालत यह देखना चाहती है कि अवरोधकों को आज तत्काल हटाया जाए और रेल पथ एवं राजमार्ग को रातभर आवाजाही के लिए साफ किया जाए और जब हम यह कह रहे हैं तो हमें गंभीरता से लिया जाना चाहिए। यह आदेश उच्च न्यायालय के आदेशों के उल्लंघन को लेकर कर्नल किरोड़ी एस बैंसला समेत गुर्जर नेताओं के खिलाफ 2008 से लंबित अवमानना याचिका के संबंध में आया है।
 
कोटा मंडल में रेल विभाग के डीआरएम और रेलवे पुलिस बल (आरपीएफ) के मुख्य सुरक्षा अधिकारी भी अदालत में मौजूद थे। अदालत ने प्रभावित इलाकों में प्रदर्शनकारियों को रेल पटरियों से फिश प्लेट हटाने से रोकने में आरपीएफ के मुख्य सुरक्षा अधिकारी की निष्क्रियता पर भी नाखुशी जताई। इसके कारण दिल्ली और जयपुर के बीच रेल यातायात बाधित हो गया है।
 
न्यायमूर्ति राठौड़ ने कहा कि राज्य प्रशासन ने राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए कड़े प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की है लेकिन एक भी नामजद व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं किया गया है और न ही जांच शुरू की गई है।

 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi