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'मानव तस्‍करी' पर राजनाथ ने जताई चिंता, बोले...

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नई दिल्‍ली , बुधवार, 7 अक्टूबर 2015 (18:45 IST)
नई दिल्‍ली। केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मानव तस्करी को वैश्विक तथा संगठित अपराध करार देते हुए लोगों को पशुओं की तरह बेचे जाने तथा बंधुआ मजदूर बनाए जाने पर चिंता व्यक्त की है। 
सिंह ने बुधवार को यहां मानव तस्करी पर रोक लगाने के उपायों पर चर्चा के लिए आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में कहा कि मानव तस्करी बेहद संवदेनशील तथा गंभीर मुद्दा है और यह किसी एक देश की नहीं बल्कि वैश्विक समस्या है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि मानव तस्करी के बारे में दक्षिण एशिया से जुड़े आंकड़े चौंकाने वाले हैं।
 
इन आंकडों के अनुसार, इस क्षेत्र में हर साल डेढ़ लाख लोग इसका दंश झेलते हैं। उन्होंने कहा कि यह हैरानी की बात है कि युवतियों का यौन शोषण किया जा रहा है, बच्चों के अंग काटे जा रहे हैं, लोगों को पशुओं की तरह बेचा जा रहा है तथा बंधुआ बनाया जा रहा है। 
 
उन्होंने कहा कि इन अमानवीय कृत्यों पर रोक लगाने के लिए एक प्रभावशाली तंत्र है और इसे काफी सफलता भी मिल रही है। गृह मंत्रालय राज्य सरकारों के सहयोग से मानव तस्करी पर रोक लगाने वाली इकाइयों को मजबूत बनाने की योजना बना रहा है। 
 
मानव तस्करी के दंश से छुड़ाए गए लोगों के पुनर्वास को अत्यधिक जरूरी बताते हुए उन्होंने कहा कि गैर सरकारी संगठनों को इसमें विशेष योगदान देना चाहिए। इसके लिए एक नोडल एजेंसी बनाने तथा अपराधियों का डाटा बेस तैयार करने की जरूरत भी उन्होंने जताई। 
 
सिंह ने कहा कि भारत ने मानव तस्करी पर रोक लगाने तथा इससे जुड़ी जानकारी साझा करने के बारे में बांग्‍लादेश के साथ एक करार पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि नेपाल के साथ भी इस तरह का करार होने की संभावना है।
 
गृहमंत्री ने इस मौके पर 'ऑपरेशन स्माइल' के तहत बेहतर प्रदर्शन करने वाले लोगों को पुरस्कार भी दिए। सम्मेलन में महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव, केन्द्रीय जांच ब्यूरो सीबीआई के निदेशक अनिल कुमार सिन्हा तथा गृह मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। (वार्ता)

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