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देश की आर्थिक वृद्धि दर जल्द ही दो अंक में होगी : राजनाथ

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नई दिल्ली , शनिवार, 28 नवंबर 2015 (15:27 IST)
नई दिल्ली। पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार पर हमला बोलते हुए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को उबार दिया है और अब भारत विदेशी निवेशकों के लिए सबसे पसंदीदा गंतव्यों में एक बन गया है।


सिंह ने उम्मीद जताई कि कुछ साल में देश की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2 अंक में पहुंच जाएगी। उन्होंने कहा कि 1990 के दशक में सत्ता में आने के बाद अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने कई ऐसे कदम उठाए थे जिससे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 8 प्रतिशत पर पहुंच गई थी। उस समय की वैश्विक मंदी से अर्थव्यवस्था प्रभावित नहीं हुई थी।

उन्होंने कहा कि वाजपेयी सरकार के जाने पर 2004 के बाद शुरुआत में कुछ वृद्धि हुई, पर बाद में यह रफ्तार थम गई। देश वांछित वृद्धि हासिल नहीं कर पाया। 2014 तक देश की आर्थिक हालत खराब हो गई।

उन्होंने यहां पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के कार्यक्रम में कहा क‍ि जिस समय मोदी सरकार सत्ता में आई थी, आप सभी जानते हैं कि देश की आर्थिक स्थिति कैसी थी। संप्रग सरकार 2004 से 2014 तक सत्ता में रही।

गृहमंत्री ने कहा कि राजग सरकार मई 2014 में सत्ता में आई। उसके बाद से अर्थव्यवस्था पटरी पर आ रही है और जीडीपी की वृद्धि दर 7.5 से 7.6 प्रतिशत पर है तथा भारत अब विदेशी निवेशकों के लिए पसंदीदा गंतव्य बन गया है। मुझे भरोसा है कि कुछ साल में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2 अंक में हो जाएगी।

सिंह ने कहा कि हमारे राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी कह रहे हैं कि दालें महंगी हुई हैं, सब्जियों के दाम चढ़े हैं। वे इसको लेकर हो-हल्ला कर रहे हैं, लेकिन हमने कीमतों को अंकुश में लाने के लिए कई कदम उठाए हैं। हमने कई आवश्यक जिंसों का आयात किया है जिससे इनकी कीमतों में तेजी पर काबू पाया जा सके।

सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहले ही यह स्पष्ट कर चुके हैं कि सरकार का प्रमुख उद्देश्य अर्थव्यवस्था के इंजन की रफ्तार बढ़ाना है तथा सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इससे न केवल घरेलू बल्कि विदेशी निवेशकों का भी भरोसा कायम हुआ है। निवेशकों में अब यह विश्वास बना है कि यह सरकार कुछ करना चाहती है। यह सरकार उद्योग के अनुकूल है, निवेशकों के अनकूल है और निर्णय लेने वाली है। (भाषा)

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