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नोटबंदी पर क्या बोले रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल...

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मुंबई , सोमवार, 28 नवंबर 2016 (07:38 IST)
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने नोटबंदी को जीवन में आने वाला ऐसा विरला अवसर बताया जिससे निपटने के लिए अभूतपूर्व बंदोबस्त की जरूरत पड़ रही है। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक इससे उत्पन्न स्थिति की दैनिक समीक्षा कर रहा है और नागरिकों की वास्तविक तकलीफ को दूर करने के लिए हर जरूरी कदम उठा रहा है।
 
आरबीआई प्रमुख ने कहा कि उनका प्रयास है कि परिस्थितियां शीघ्राति-शीघ्र सामान्य हों। उन्होंने बैंकों से मिल रही रपटों का हवाला देते हुए कहा कि बड़े शहरों में स्थिति कुछ सहज हो रही है लेकिन दूर-दराज के इलाकों में दिक्कत ज्यादा है।
 
नोटबंदी पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए पटेल ने पीटीआई-भाषा के साथ विशेष बातचीत में कहा कि 5,00 और 1,000 रुपए के पुराने नोटों पर पाबंदी के बाद नोट मुद्रण कारखाने 100 और 500 रुपए के नए नोट की छपाई पर जोर दे रहे हैं।
 
गौरतलब है कि कई हलकों से सवाल उठ रहे थे कि इस प्रकरण पर रिजर्व बैंक के प्रमुख कुछ नहीं बोल रहे हैं। उनके रिजर्व बैंक का गवर्नर बनने के बाद यह किसी मीडिया के साथ पहला साक्षात्कार है।
 
कांग्रेस के प्रवक्ता जयराम रमेश ने पटेल पर आरोप लगाया था कि आरबीआई गवर्नर ने नोटबंदी पर या तो देश को गुमराह किया है या उन्होंने केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता की बलि चढ़ा दी है। दोनों ही स्थिति में उन्हें इस्तीफा देना चाहिए।
 
उनके इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने ट्वीट कर कहा कि रमेश ने पटेल पर अनुचित हमला किया है। उन्होंने कहा कि क्या किसी राजनीतिज्ञ को ऐसे व्यक्ति पर हमला करना चाहिए जो उन्हें उन्हीं की तर्ज पर जवाब नहीं दे सकता है।
 
जेटली ने कहा कि नेताओं को ऐसे लोगों पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए जो अपना बचाव नहीं कर सकते हैं।
 
केंद्रीय कानून एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कल कहा था कि बड़े नोटों पर पाबंदी का फैसला सरकार ने रिजर्व बैंक की सिफारिश पर ही किया है।
 
रिजर्व बैंक द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में विस्तार से बताते हुए उर्जित पटेल ने कहा कि आरबीआई और सरकार दोनों ही मुद्रण कारखानों को पूरी क्षमता से चलवा रहे हैं ताकि मांग को पूरा करने के लिए नए नोट उपलब्ध हों।
 
आरबीआई के गर्वनर पटेल ने कहा कि रिजर्व बैंक हर दिन बैंकों से बातचीत कर रहा है। वे हमें बता रहे हैं स्थिति धीरे-धीरे सहज हो रही है। शाखाओं और एटीएम पर कतारें छोटी हो रही हैं और बाजार चालू हो रहे हैं। दैनिक उपभोग की वस्तुओं की किसी कमी की रिपोर्ट नहीं है।
 
पटेल ने कहा कि साथ ही करीब 40,000 से 50,000 लोगों को एटीएम में जरूरी सुधार के लिये लगाया गया है। मुद्रा उपलब्ध है और बैंक रुपए को उठाने तथा उसे अपनी शाखाओं एवं एटीएम में पहुंचाने के लिए मिशन के रूप में काम कर रहे हैं। सभी बैंकों के कर्मचारियों ने बड़ी मेहनत की है और हम सभी उनके अभारी हैं।
 
यह पूछे जाने पर कि आखिर इतनी लंबी कतारें और व्यापार में कमी क्यों हैं, आरबीआई गवर्नर ने कहा कि ऐसा जीवन में एकाध बार ही होता है। प्रचलित 86 प्रतिशत मुद्रा को एक बार में हटाने का निर्णय एक बिरला घटनाक्रम है..।
 
उन्होंने कहा कि नोटबंदी को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिये पूर्ण रूप से गोपनीयता की जरूरत थी। इसीलिए सभी बैंकों को इस प्रकार के बड़े कदम के लिये 24 घंटों में पूरी तरह तैयार करना मुश्किल था। निश्चित रूप से इससे कुछ समस्याएं हुई। यही कारण है कि हम सभी लोगों से कर चोरी तथा कालाधन के बड़े मुद्दे के लिए समर्थन का अनुरोध करते हैं।
 
पटेल ने यह भी कहा कि केंद्रीय बैंक ने 1,000 और 500 रपये के नोट जमा करने से बैंकों की जमा में उल्लेखनी वृद्धि के कारण बढ़ी हुई नकदी पर 100 प्रतिशत सीआरआर की भी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि एक बार सरकार अपने वादे के अनुरूप पर्याप्त मात्रा में एमएसएस बांड जारी कर देती है तो उसके बाद सीआरआर बढाने संबंधी इस निर्णय की समीक्षा की जाएगी।
 
पटेल ने नागरिकों से से भुगतान के लिए डेबिट कार्ड और डिजिटल वालेट जैसे नकद विकल्पों का उपयोग शुरू करने का अनुरोध किया और कहा कि इससे लेन-देन सस्ता तथा आसान होगा तथा इससे आगे चल कर भारत को विकसित देशों की तरह नकदी के कम उपयोग वाली अर्थव्यवस्था बनाने में मदद मिलेगी।
 
उन्होंने कहा कि हम बैंकों से व्यपारियों के बीच पीओएस मशीनों को बढ़ावा देने का अनुरोध कर रहे हैं ताकि डेबिट कार्ड का उपयोग ज्यादा प्रचलित हो।
 
पटेल ने कहा कि लोग यह पूछ रहे हैं कि आखिर नई मुद्रा का आकार और कागज की मोटाई में पुराने से अलग क्यों है। इसका कारण यह है कि नई मुद्रा का डिजाइन इस रूप से बनाया गया है कि इसकी नकल मुश्किल हो। जब आप इस पैमाने पर बदलाव के लिये कदम उठा रहे हैं, आपको अच्छे से अच्छे मानदंड अपनाने की जरूरत होती है।
 
यह पूछे जाने पर कि आखिर नोटबंदी क्यों जरूरी थी, आरबीआई गवर्नर पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में बताया है कि 1,000 और 500 रुपए के नोट को क्यों वापस लेने की आवश्यकता है। उन्होंने भारत की जनता के समक्ष यह प्रतिबद्धता जताई थी कि वह कालाधन पर अंकुश लगाएंगे और पारदर्शिता तथा जवाबदेही लाएंगे एवं नकली नोटों को समाप्त करेंगे। (भाषा) 

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