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पांच माह में रेलमंत्री गौड़ा की संपत्ति दोगुनी

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, शनिवार, 25 अक्टूबर 2014 (09:33 IST)
नई दिल्ली। पांच माह पहले गठित नरेन्द्र मोदी सरकार के कम से कम तीन मंत्रियों की संपत्ति में करोड़ों रुपए का इजाफा हुआ है। इनमें रेल मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा की संपत्ति तो इस अवधि में दोगुनी से भी अधिक हो गई है।
 
इसी वर्ष हुए लोकसभा चुनाव के समय गौड़ा ने अपनी संपत्ति 9.88 करोड़ घोषित की थी। प्रधानमंत्री कार्यालय को उन्होंने अब जो अपनी संपत्ति का ब्योरा भेजा है उसमें 10.46 करोड़ की वृद्धि दिखाते हुए 20.35 करोड़ बताया गया है।
 
नेशनल इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉ‌र्म्स ने शुक्रवार को जारी संयुक्त बयान में यह जानकारी दी है। संपत्ति में वृद्धि के मामले में भारी उद्योग एवं लोक उपक्रम मंत्रालय के राज्यमंत्री राधाकृष्णन भी दूसरे पायदान पर हैं। उनकी संपत्ति इन पांच माह में 2.98 करोड़ बढ़ी है। 
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की संपत्ति में 1.01 करोड़ का इजाफा हुआ है। निगरानी करने वाली इस संस्थाओं का कहना है कि प्रधानमंत्री कार्यालय को प्राप्त आंकड़ों के अनुसार मौजूदा केंद्रीय मंत्रिमंडल के 91 फीसद मंत्री करोड़पति हैं। इनमें जेटली सबसे धनी हैं और उनके पास 114.03 करोड़ की संपत्ति है। 108.31 करोड़ की संपत्ति के साथ हरसिमरत कौर बादल दूसरे नंबर पर हैं और पीयूष गोयल 94.66 करोड़ की संपत्ति के साथ तीसरे नंबर पर हैं।
 
बयान में कहा गया है कि 16 मंत्रियों ने अपनी संपत्ति में कमी की घोषणा की है। इसमें शीर्ष पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज हैं। उन्होंने वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में अपनी संपत्ति 17.55 करोड़ रुपए घोषित की थी जिसमें अब 3.89 करोड़ की कमी बताई जाती है।
 
पूर्वोत्तर क्षेत्र के मामलों के राज्यमंत्री वीके सिंह ने लोकसभा चुनाव के समय अपनी संपत्ति 4.11 करोड़ घोषित की थी जो अब घटकर 3.13 करोड़ बची है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की संपत्ति भी 1.28 करोड़ की कमी आई है।
 
बयान में कहा गया है कि इसका विश्लेषण करने से पता चलता है कि संपत्ति में इस बदलाव का कारण बहुत हद तक मंत्रियों की संपत्ति की घोषणा के लिए कोई मानक स्वरूप तय न होना है। बहुत सारे मंत्रियों ने बहुत सारी घोषित संपत्तियों का मूल्य सार्वजनिक नहीं किया है। बयान में यह भी कहा गया है कि मंत्रियों द्वारा अपनी संपत्ति का मूल्य घोषित नहीं करना यह इस बात को दर्शाता है कि वे संपत्ति की जानकारी देने को जरा भी इच्छुक नहीं हैं। (एजेंसी)

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