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स्मृति ईरानी को निजी तौर पर पेश होने से छूट

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नई दिल्ली , बुधवार, 29 जुलाई 2015 (16:17 IST)
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी को एक आपराधिक मानहानि के मामले में निजी तौर पर पेश होने से छूट दे दी। यह मामला कांग्रेस के नेता संजय निरुपम ने दायर किया है।


न्यायमूर्ति सुरेश कैत ने ईरानी की अपील पर निरुपम को नोटिस जारी किया। ईरानी ने स्वयं को निचली अदालत द्वारा 6 जून 2014 को जारी किया गया समन रद्द करने की भी मांग की थी, साथ ही उन्होंने निरुपम द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत खारिज करने का आग्रह भी किया था।

अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता (ईरानी) को निचली अदालत में पेश होने से छूट दी जाती है। शिकायतकर्ता (संजय निरुपम निचली अदालत में शिकायतकर्ता हैं) को नोटिस जारी किया जाता है। उच्च न्यायालय ने ईरानी की अपील पर जिरह सुनने के लिए 13 अगस्त की तारीख नियत की है।

स्मृति ईरानी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल मनिन्दर सिंह और अधिवक्ता अनिल सोनी ने उच्च न्यायालय के समक्ष तर्क दिया कि प्रतिवादी (निरुपम) ने उनके खिलाफ मेरे (ईरानी के) मानहानि मामले में समन भेजे जाने के 10 माह बाद ईरानी के खिलाफ एक प्रतिशिकायत (काउंटर कम्प्लेंट) दर्ज कराई है।

वर्तमान मामले में कांग्रेस के पूर्व सांसद निरुपम ने स्मृति ईरानी के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया कि 20 दिसंबर 2012 को जब गुजरात विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित किए जा रहे थे तब भाजपा नेता ने टीवी पर एक बहस के दौरान उनके खिलाफ भड़काऊ और आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं।

निरुपम ने यह भी कहा कि उन्होंने स्मृति को उनके वकील के माध्यम से पिछले साल 25 जुलाई को एक नोटिस भेजा और अपने खिलाफ कथित भड़काऊ टिप्पणियां करने के लिए उनसे बिना शर्त सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को कहा, लेकिन उन्होंने नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया।

पूर्व में ईरानी ने भी निरुपम के खिलाफ एक निजी समाचार चैनल में उसी बहस के दौरान अपनी कथित मानहानि के लिए एक शिकायत दर्ज कराई थी। इस मानहानि शिकायत को लेकर अदालत ने स्मृति के खिलाफ भड़काऊ और आपत्तिजनक भाषा का कथित उपयोग करने के लिए संजय पर आरोप तय किए थे।

ईरानी की शिकायत पर अदालत ने निरुपम के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 500 (मानहानि) और 509 (किसी महिला की मर्यादा का अपमान करने के इरादे से कोई शब्द कहना या संकेत करना) के तहत सुनवाई की।

भादंवि की धारा 500 का दोषी पाए जाने पर 2 साल कैद या जुर्माना या दोनों सजाओं का प्रावधान है। भादंवि की धारा 509 के तहत दोषी पाए जाने पर 1 साल की कैद या जुर्माना या दोनों सजाओं का प्रावधान है।

राज्यसभा की सदस्य ईरानी ने अपनी शिकायत में दावा किया है कि निरुपम ने उनकी टीवी अभिनेत्री होने की पृष्ठभूमि के संदर्भ में चुनाव के परिणामों का विश्लेषण करने की उनकी क्षमता पर सवाल उठाए थे। (भाषा)

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