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जम्मू-कश्मीर में बढ़ा तनाव, विपक्ष ने कर दी यह बड़ी मांग...

हमें फॉलो करें जम्मू-कश्मीर में बढ़ा तनाव, विपक्ष ने कर दी यह बड़ी मांग...
नई दिल्ली , रविवार, 18 जून 2017 (11:11 IST)
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान द्वारा संघर्षविराम की घटनाओं में पिछले कुछ माह में अचानक वृद्धि होने के बीच विपक्ष ने रविवार को कहा कि देश को एक पूर्णकालिक रक्षामंत्री की बहुत आवश्यकता है। विपक्षी नेताओं ने कहा कि हमारे रक्षा बलों के आधुनिकीकरण आदि कुछ ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दे हैं, जिन पर फौरन ध्यान देने की आवश्यकता है।

कांग्रेस नेता आरपीएन सिंह ने बातचीत में कहा कि जिस तरह से पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर में संघर्षविराम की घटनाओं में वृद्धि हुई है, उसे देखते हुए देश को पूर्णकालिक रक्षामंत्री की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस आवश्यकता को क्यों नहीं समझ रहे हैं कि रक्षा मंत्रालय कोई सामान्य विभाग नहीं है।

उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार में गृह एवं रक्षा मंत्रालय के बीच शीर्ष स्तर पर बेहतर समन्वय होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों पर पथराव ही नहीं हो रहा बल्कि उनके शिविरों पर हमला हो रहा है। आतंकवादी सुरक्षाकर्मियों पर हमला कर उनके हथियार लूट रहे हैं।

पूर्व गृह राज्यमंत्री सिंह ने कहा कि संप्रग सरकार के 10 वर्ष के शासनकाल में कश्मीर की स्थित काफी सामान्य हो गई थी किंतु आज हालात बहुत ही खराब हैं। न तो केंद्र की भाजपा सरकार और न ही राज्य की पीडीपी-भाजपा सरकार स्थिति को सामान्य बनाने के लिए कोई ठोस प्रयास कर रही हैं।

जदयू के राज्यसभा सदस्य हरिवंश ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा कि जब मौजूदा भाजपा सरकार सत्ता में आई थी तो उसने सेना, उसके पास हथियारों की कमी, आधुनिकीकरण के अभाव के बारे में तमाम बातें कहीं थीं। आज 3 वर्ष सरकार के पूरे हो चुके हैं किंतु इस दिशा में बहुत कुछ नहीं हुआ है।

हरिवंश ने कहा कि इस तरह की चुनौतियां जब देश के समक्ष हों तो ऐसे में पूर्णकालिक रक्षामंत्री तो होना ही चाहिए। उसका तो कोई विकल्प ही नहीं है। जम्मू-कश्मीर की समस्या तो एक पक्ष है, जो निरंतर गंभीर होती जा रही है।

उन्होंने कहा कि इससे भी बड़ा सवाल हमारी सेना के आधुनिकीकरण का भी है। चाहे हमारी थलसेना हो, वायुसेना हो या नौसेना हो, चीन आदि देशों की तुलना में आधुनिकीकरण के मामले में हम बहुत पीछे हैं। हमारी सेना बुनियादी रूप से कई मोर्चो पर चुनौतियों का सामना कर रही है।

जदयू सांसद ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में यह मान्य परंपरा रही है कि सेना से जुड़े मुद्दों पर प्राय: सेना प्रमुख सामने आकर बयान नहीं देते हैं। यह काम रक्षामंत्री करते हैं, लेकिन क्या ऐसा हो रहा है? उल्लेखनीय है कि इस वर्ष 14 मार्च को मनोहर पर्किर के गोवा के मुख्यमंत्री बनने के बाद वित्तमंत्री अरुण जेटली को रक्षा मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया था।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा के पास वर्ष 2016 में 449 बार और वर्ष 2015 में 405 बार संघर्षविराम का उल्लंघन किया था। रक्षा सूत्रों के अनुसार इस साल पाकिस्तान की ओर जितनी बार संघर्षविराम का उल्लंघन किया गया है, उतना हाल के वर्षों में कभी देखने को नहीं मिला है। (भाषा)

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