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यूजीसी ने वापस लिया हिन्दी पढ़ाने का सर्कुलर

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नई दिल्ली , शुक्रवार, 19 सितम्बर 2014 (10:10 IST)
नई दिल्ली/चेन्नई। तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता और राज्य के राजनीतिक दलों के हमलों के शिकार यूजीसी ने अपना वह विवादित सर्कुलर वापस लेने का फैसला किया जिसमें विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया गया था कि वे स्नातक पाठ्यक्रमों में हिन्दी को एक प्राथमिक भाषा के तौर पर पढ़ाएं।
 
यूजीसी के अध्यक्ष वेद प्रकाश ने कहा कि यूजीसी इस मुद्दे पर नए सिरे से एक सर्कुलर जारी करेगा। प्रकाश ने यह बात जयललिता द्वारा हिन्दी थोपे जाने का विरोध करते हुए कड़ा बयान जारी करने के घंटों बाद कही। जयललिता ने यह भी कहा था कि यूजीसी का निर्देश राज्य पर बाध्यकारी नहीं है।
 
प्रकाश ने कहा, 'पिछले सकरुलर में असावधानी से यह लिख दिया गया था कि अंग्रेजी के साथ-साथ हिन्दी भी प्राथमिक भाषा के तौर पर पढ़ाई जाए।
 
यूजीसी ने शुक्रवार को एक सर्कुलर जारी करने का फैसला किया है जिसमें कहा जाएगा कि हिन्दी अनिवार्य नहीं है। यह निर्णय करना संबंधित विश्वविद्यालय का विशेषाधिकार है कि कैसे पढ़ाना है, किसे पढ़ाना है और क्या पढ़ाना है।
 
इस हफ्ते की शुरुआत में जारी सकरुलर को तमिलनाडु की राजनीतिक पार्टियों ने विरोध का मुद्दा बना लिया था। जयललिता की अन्नाद्रमुक के साथ-साथ द्रमुक, एमडीएमके और पीएमके ने कहा कि वे तमिलनाडु पर हिन्दी भाषा थोपने की सभी कोशिशों का विरोध करेंगे।
 
अपने बयान में जयललिता ने कहा कि सर्कुलर हिन्दी थोपे जाने की तरह है और इसकी शुरूआत पिछली सरकार के दौरान हुई थी। (भाषा)

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