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बच्चों को पीटा तो हो सकती है 5 साल की जेल...

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नई दिल्ली , सोमवार, 4 अगस्त 2014 (12:00 IST)
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नई दिल्ली। जो पैरेंट्‍स या टीचर्स बच्चों को पीटते हैं, गालियां देते हैं वे अब सावधान हो जाएं क्योंकि इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है। बच्चों को यातना देने या उनसे अभद्र व्यवहार करने के लिए पैरेंट्‍स या टीचर्स को पांच साल तक की जेल की सजा भी हो सकती है।

सरकार बच्चों पर होने वाली हिंसा के खिलाफ नया कानून लाने की तैयारी में है। नए कानून में कॉलेज में रैगिंग करने के लिए भी तीन साल की जेल हो सकती है। बच्चों के खिलाफ होने वाली वाली हिंसा को रोकने के लिए सरकार कड़े कानूनों के ड्राफ्ट पर काम कर रही है।

सरकार जुवेनाइल जस्टिस ऐक्ट 2000 की जगह नए कानून पर काम कर रही है। पुराने कानूनों की जगह पर सरकार जुवेनाइल जस्टिस केयर ऐंड प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन बिल 2014 पेश करने की तैयारी है। नए कानूनों को सरकार ने बच्चों के अधिकारों और इंटरनेशनल कानूनों को ध्यान में रखकर तैयार किया है।

एक्ट में नए प्रावधानों के तहत शारीरिक दंड को अपराध माना गया है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद बिल को संसद में पेश किया जा सकता है। अगर बिल संसद से पास हो जाता है और तो भारत दुनिया के ऐसे चालीस देशों में शामिल हो जाएगा जहां बच्चों को शारीरिक दंड देना मना है।

शारीरिक दंड शब्द में किसी व्यक्ति की ओर से दी जाने वाले जुबानी प्रताड़ना को भी शामिल किया जाएगा। पहली बार इस अपराध के दोषी होने पर जुर्माने के साथ जेल टर्म को बढ़ाकर छह महीने किया जा सकता है। दूसरे बार में तीन से पांच साल की सजा हो सकती है।

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