कश्मीर वादी में पहले चरण के मतदान के लिए उल्टी गिनती शुरू हो गई है। गुरुवार को आतंकी खौफ और धमकियों के बीच लगातार इस्तीफा दे रहे पंचों-सरपंचों की कवायद के चलते अनंतनाग में सबसे बड़ा सवाल अब यह है कि क्या अनंतनाग का कल का मतदान कोई नया रिकॉर्ड बनाएगा। वैसे वर्ष 2009 के लोकसभा चुनावों में मतदान ने 2004 के मतदान का रिकॉर्ड तोड़ दिया था और अधिक लोग आतंकी धमकी के बावजूद मतदान के लिए घरों से बाहर निकले थे।
हालांकि त्राल में इस बार भी आतंकी कहर बरपा है। पिछले चुनावों में भी सबसे अधिक आतंकी कहर त्राल में ही बरपा था। नतीजा सामने है। समाचार भिजवाए जाने तक 100 से अधिक पंचों और सरपंचों ने त्याग पत्र देने की घोषणा कर दी थी। मतदान से दूर रहने का आदेश देने वाले पोस्टर भी अनंतनाग समेत कई जिलों में नजर आ रहे हैं।
पुलवामा के विभिन्न हिस्सों में लश्करे तौयबा ने पोस्टर लगाकर स्थानीय सियासी कार्यकर्ताओं को अपनी गतिविधिया बंद करने और चुनाव बहिष्कार के लिए धमकाया है। ये पोस्टर ह्यिु, काकपोरा, वुईन, चंद्रहारा, अंदरुसा और ललहार व पापोर में चिपकाए गए। उर्दू में लिखे गए इन पोस्टरों में लोगों से कहा गया था कि वह सियासी गतिविधियों, पुलिस चौकियों व सैन्य शिविरों से पूरी तरह तरह दूर रहते हुए चुनाव बहिष्कार करें।
इन पोस्टरों में लोगों से कहा गया था कि कुछ लोग कश्मीर में जेहाद को नुकसान पहुंचा रहे हैं। ऐसे लोग अपनी हरकतों से बाज हैं। इसके अलावा किसी भी प्रकार की सियासी गतिविधि से दूर रहें और वोट न डालें। अगर किसी ने ऐसा किया तो वह कौम व जेहाद को नुकसान पहुंचाएगा। ऐसा करने वाला अपने अंजाम का खुद जिम्मेदार होगा। पुलिस ने सूचना मिलते ही इन पोस्टरों को जब्त कर लिया है, लेकिन पोस्टर लगाने वाले किसी भी तत्व की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
यही नहीं कश्मीर में मतदान को प्रभावित करने की साजिश के तहत लोकतंत्र के आधार पंच-सरपंचों की हत्याओं का सिलसिला भी तेज हो गया है। पीडीपी कहती है कि लोकतंत्र पर होने वाले इन प्रहारों के कारण कम मतदान हुआ तो इसका फायदा नेशनल कांफ्रेंस को होगा। उसने आरोप लगाया कि पंचायत प्रतिनिधियों की मौत के लिए जिम्मेदार यह पार्टी नहीं चाहती है कि जम्मू की तरह कश्मीर संभाग में भी भारी मतदान हो। ज्यादा मतदान का सीधा नुकसान सरकार का होगा।
कश्मीर संभाग में पिछले एक सप्ताह में पंच-सरपंचों पर चार हमलों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ऑल जम्मू-कश्मीर पंचायत कांफ्रेंस ने जोर दिया है कि चुनाव आयोग उमर सरकार को फौरन बर्खास्त करे, ऐसा न किए जाने की स्थिति में चुनाव कामयाब नहीं होगा।
फिलहाल स्थिति यह है कि अनंतनाग के कल के मतदान को लेकर उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। सुरक्षाबलों ने जगह-जगह मोर्चे संभाल लिए हुए हैं। जानकारी के मुताबिक, कल मतदान वाले दिन आतंकियों को मतदान प्रक्रिया से दूर रखने की खातिर प्रशासन ने वायुसेना भी मदद मांगी है जिसके लड़ाकू हेलीकॉप्टरों को बड़ी संख्या में मतदान केंद्र पर नजर रखने के लिए कहा गया है।
हालांकि प्रशासन कहता है कि लोग बड़ी संख्या में मतदान की खातिर घरों से बाहर निकलेंगें पर आतंकी खौफ कहता है कि अगर अनंतनाग में होने वाली पोलिंग 2009 के मतदान के रिकॉर्ड को भी कायम रख पाए तो भी लोकतंत्र की विजय मानी जाएगी।