मोदी पीएम बने, तो देश की लड़कियों का क्या होगा: शिंदे
नई दिल्ली , शनिवार, 3 मई 2014 (10:38 IST)
नई दिल्ली। गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा है कि लोकसभा चुनावों के मतों की गिनती से पहले हम गुजरात में एक महिला की जासूसी कराने के आरोप की जांच के लिए न्यायाधीश की नियुक्ति करेंगे।विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक महिला की गतिविधि पर नजर रखने का आदेश दिया था। शिंदे ने कहा, 'केंद्रीय मंत्रिमंडल' ने जासूसी कांड की जांच करने के लिए एक न्यायाधीश की नियुक्ति करने का फैसला लिया है और शीघ्र ही नियुक्ति की जाएगी।'यह पूछे जाने पर कि इस घड़ी किसी न्यायाधीश की नियुक्ति आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन नहीं माना जाएगा, उन्होंने कहा कि नहीं ऐसा नहीं होगा। इस संबंध में फैसला आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले ही ले लिया गया था। उन्होंने कहा कि मैं इस बात से डरा हुआ हूं कि जब एक मुख्यमंत्री महिला की जासूसी करा सकता है तो उस स्थिति में देश की महिलाओं का क्या होगा जब वही शख्स प्रधानमंत्री बन जाएगा।वहीं केंद्रीय कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि संप्रग सरकार 16 मई से पहले गुजरात के ‘स्नूपगेट’ (जासूसी कांड) की जांच के लिए न्यायाधीश का नाम घोषित करेगी। सिब्बल ने साथ ही भाजपा नेता अरुण जेटली के उस दावे को भी खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि कोई भी न्यायाधीश नरेन्द्र मोदी को निशाना बनाने के लिए राजनीतिक एवं दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई के लिए खुद को आगे नहीं करेगा।सिब्बल ने साथ ही कहा कि विवाद में मोदी के खिलाफ लगे आरोपों की जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि 16 मई से पहले स्नूपगेट मामले में आपको एक न्यायाधीश मिल जाएगा। मुझे नहीं पता कि ये लोग इतने चिंतित क्यों हैं? क्यों भाजपा के नेता चिंतित है और वो किसी न्यायाधीश के इस आयोग में ना शामिल होने को लेकर क्यों सार्वजनिक बयानबाजी कर रहे हैं? कांग्रेसी नेता ने कहा कि भाजपा चिंतित है क्योंकि उसके नेता जानते हैं कि ‘एक बार आयोग गठित हो गया तो नरेन्द्र मोदी के पास बचने का कोई रास्ता नहीं होगा।’गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने इटी से कहा कि 'प्रक्रिया जारी है...इस मामले में कुछ होने की उम्मीद है।' उन्होंने यह भी कहा कि यह आचार संहिता का उल्लंघन नहीं होगा।गौरतलब है गुजरात के कथित जासूसी कांड में मोदी और मोदी सरकार में मंत्री अमित शाह पर एक महिला की कथित जासूसी के आरोप लगते रहे हैं और कई दफा इसकी जांच की मांग भी उठती रही है। गृहमंत्री शिंदे के मुताबिक इस पूरी प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है और उन्हे उम्मीद है कि चुनाव आयोग को इस पर कोई आपत्ति नहीं होगी।इससे पहले बीजेपी नेता अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा था कि, 'वह उस जज का नाम जानने के लिए बेहद उत्सुक हैं, जो यूपीए के सामने खुद को समर्पित करने को सहमत हो गए हैं। मुझे लगता है कि न्यायिक गरिमा को बनाए रखने के लिए कोई भी जज इस निराशाजनक प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बनना चाहेगा।' (एजेंसी)