नई दिल्ली। सट्टा बाज़ार ने हाल ही में यह भविष्यवाणी कर दी है कि इस चुनाव में भाजपा विजेता बनकर उभरेगी और नरेन्द्र मोदी ही देश के प्रधानमंत्री बनेंगे। यह खबर अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया ने प्रकाशित की है। अखबार का कहना है कि नरेन्द्र मोदी की जीत पर पैसा लगाने वालों को बहुत ही कम रिटर्न मिलेगा क्योंकि उनकी जीत यह मानी जा रही है।मीडियाकर्मियों ने इस सिलसिले में कई सट्टेबाजों से बातचीत की। एक बड़े सट्टेबाज ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि दिल्ली में भाजपा को 5-6 सीटें मिलेंगी और आम आदमी पार्टी को 1-2 सीटें मिल सकती हैं। दो दिनों पहले उसका कहा था कि आम आदमी पार्टी को 2-3 सीटें मिल सकती हैं। इसी तरह लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए भविष्यवाणी करते हुए सट्टेबाज के कहा कि उसे 231 से 233 तक सीटें मिल सकती हैं। कांग्रेस के बारे में उसका आकलन है कि पार्टी को 71-73 सीटों से संतोष करना पड़ेगा। इसी तरह उसने आम आदमी पार्टी को देश भर में 5-6 सीटें ही मिलने की संभावना जताई है।सट्टेबाज का कहना है कि इसका मतलब यह है कि अगर कोई भाजपा पर 1000 रुपए का यह सट्टा लगाता है कि पार्टी को 231 सीटें नहीं मिलेंगी और अगर पार्टी वास्तव में 230 या कुछ कम सीटें जीतती है तो उसे 1000 रुपए मिलेंगे। इसी तरह अगर कोई यह सट्टा लगाता है कि भाजपा को 233 सीटें या ज्यादा सीटें मिलेंगी तो उस व्यक्ति को 1000 रुपए मिलेंगे। लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो उसका पैसा जब्त हो जाएगा।
अगर मोदी पर कोई एक लाख रुपए लगाएगा तो...
पीएम उम्मीदवार के लिए बुधवार या गुरुवार की सुबह तक अगर मोदी पर कोई एक लाख रुपए लगाएगा और अगर वह जीत गए तो सट्टा लगाने वाले को 40000 रुपए मिलेंगे। अगर उसने राहुल पर वह रकम लगा दी और वह जीते तो उसे 5 लाख रुपए मिलेंगे, लेकिन बाज़ार में ज्यादातर लोग मोदी पर ही सट्टा लगा रहे हैं क्योंकि वही सबसे मजबूत उम्मीदवार दिख रहे हैं।
अरविंद केजरीवाल पर एक रुपया लगाने से सट्टा लगाने वाले को उनकी जीत पर 600 रुपए तक मिल सकते हैं क्योंकि केजरीवार की जीत की संभावना नहीं के बराबर है। मनमोहनसिंह पर एक लाख लगाने वाले को 10 लाख रुपए तक मिल सकते हैं। इसी तरह ममता बनर्जी के प्रधानमंत्री बनने पर एक लाख रुपए का दांव लगाने पर 16 लाख रुपए तक मिल सकते हैं।
सट्टेबाजों की नजर में भाजपा को मिलेगी कितनी सीटें..
देश भर के सट्टेबाजी आंकडों से पता चलता है कि भाजपा को इस चुनाव में 300 सीटें मिल रही हैं। मध्यप्रदेश में भाजपा को 29 में से 26 सीटें मिल रही हैं। उत्तरप्रदेश में पार्टी को 80 में से 50 सीटें मिलती दिख रही हैं और छत्तीसगढ़ में पार्टी को 11 में से 11 सीटें मिलने की संभावना जताई जा रही है। सटोरियों का अनुमान है कि आंध्रप्रदेश में 42 में से 24 और अरुणाचल प्रदेश में 2 में से 1, असम में 14 में से 7 और बिहार में 40 में से 30 सीटें भाजपा-उसके सहयोगियों को मिल सकती हैं।
सट्टेबाजों का अनुमान है कि गोवा में भाजपा को 2 में से 2 सीटें मिल सकती हैं। इसी तरह गुजरात के बारे में कहना है कि भाजपा को वहां राज्य की 26 में से 24 सीटें तक मिल सकती हैं। हरियाणा में भाजपा को 10 में से 4 सीटें मिल सकती हैं। जम्मू-कश्मीर में पार्टी को 6 में से 1 सीट मिल सकती है। झारखंड में 14 में से 10 सीटें मिल सकती हैं। इसी तरह कर्नाटक में 28 में से 18 सीटें और केरल में 20 में से 4 सीटें मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है। हालांकि इसे बहुत ही आशावादी रुझान माना जा सकता है, लेकिन अभी तक चुनावों में हुए मतदान का प्रतिशत इस बात का भी संकेत करता है कि परिणाम चौंकाने वाले भी हो सकते हैं।
महाराष्ट्र के बारे में सट्टेबाजों का अनुमान है कि पार्टी को 48 में से 35 सीटें मिल सकती हैं जबकि राजस्थान में 25 में से 23 सीटें। तमिलनाडु के बारे में अनुमान है कि 39 में से उसे 8 सीटें मिल सकती हैं। उत्तराखंड में उसे 5 में से 4 और बंगाल में 42 में से 12 सीटें आ सकती हैं। हालांकि यह अनुमान भी वास्तविकता की कसौटी पर खरे उतरते प्रतीत नहीं होते हैं, लेकिन जनता की नब्ज भांपने पर सट्टाबाजार का अपना तरीका हो सकता है। भाजपा को त्रिपुरा, मणिपुर, मिज़ोरम, सिक्किम और नगालैंड में कोई भी सीट नहीं मिलेगी। तीन और केन्द्र शासित प्रदेशों में भी पार्टी को खाता खोलने का मौका नहीं मिलेगा।