अंततः वही हुआ जिसका अंदेशा था। आतंकियों ने कश्मीर में लोगों को मतदान से रोकने की खातिर बंदूक का सहारा लेना आरंभ किया तो उन्होंने तीन लोगों को मौत के घाट उतार दिया। इनमें एक सरपंच भी थे। नतीजतन अनंतनाग में दहशत का माहौल है। मतदान 24 अप्रैल को होना है। दहशत का माहौल कितना है अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद ने भी पुलवामा के उस त्राल कस्बे में अपनी रैली रद्द कर दी जहां ये हत्यां हुई हैं। बताया जाता है कि उन्होंने ऐसा सुरक्षाधिकारियों की सलाह को मानते हुए किया है।
लोकसभा चुनाव में खलल डालने के लिए आतंकियों ने फिर नापाक हरकत की। अनंतनाग संसदीय सीट पर मतदान से ठीक तीन दिन पहले सोमवार को आतंकियों ने पुलवामा जिले के त्राल में एक के बाद एक तीन हमले कर कांग्रेस के एक सरंपच व नंबरदार सहित तीन लोगों की हत्या कर दी। पहले दो हमले बीस मिनट के अंतराल पर हुए। देर रात आतंकियों ने एक और सरपंच पर तीसरा हमला किया, लेकिन वह बाल-बाल बच गया। फिलहाल किसी भी आतंकी संगठन ने हमलों की जिम्मेदारी नहीं ली है। इस बीच, पुलिस ने सीआरपीएफ और सेना के साथ मिलकर आतंकियों को जिंदा अथवा मुर्दा पकड़ने के लिए सघन तलाशी अभियान चला रखा है। कश्मीर में आतंकी संगठन अल बदर, हिजबुल मुजाहिद्दीन और लश्कर ने चुनावों में भाग लेने वालों को अंजाम भुगतने की धमकी दे रखी है।
पुलवामा जिले में गत चार दिनों के दौरान यह सरपंच की हत्या की दूसरी घटना है जहां आतंकियों ने गत गुरुवार को पीडीपी के एक सरपंच की अवंतीपोरा क्षेत्र में गोली मारकर हत्या कर दी थी। दूसरी घटना में आतंकियों ने त्राल क्षेत्र के अमलर में मोहम्मद अनवर शेख (60) की उस समय गोली मार दी जब वे एक मस्जिद से बाहर निकल रहे थे। वे नम्बरदार के तौर पर कार्यरत थे।
इन हत्याओं के बाद कश्मीर वादी खासकर पुलवामा और अनंतनाग में दहशत का माहौल है। इसी का परिणाम था कि स्वास्थ्य मंत्री और कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने तीन राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्या के मद्देनजर आज कश्मीर के पुलवामा जिले के त्राल शहर में पहले से तय चुनावी रैली रद्द कर दी है। एक स्थानीय कांग्रेस नेता और आजाद के करीबी सहयोगी ने बताया कि कल रात हुई हत्याओं के मद्देनजर रैली को रद्द कर दिया गया है। उनके सहयोगी ने इसकी पुष्टि की है कि सुरक्षा कारणों से रैली को रद्द किया गया है।
दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पुलवामा जिले में राजनीतिक कार्यकर्ताओं पर हुए हमलों की निन्दा करते हुए आज कहा कि ये हमले लोगों के मन में भय पैदा करने के लिए किए गए, ताकि वे चुनाव का बहिष्कार करें। उमर ने कहा कि चुनावों का बहिष्कार करना इच्छा पर आधारित होना चाहिए, न कि डर के चलते। उन्होंने टि्वटर पर लिखा कि मैं पुलवामा में हुए हमलों की स्पष्ट निन्दा करता हूं जिनमें तीन राजनीतिक कार्यकर्ता मारे गए। कुल मिलाकर यह चुनाव के बहिष्कार का आह्वान लागू कराने का प्रयास है।
उन्होंने कहा कि बहिष्कार का फैसला इच्छा पर आधारित होना चाहिए, न कि डर के आधार पर। वोट डालने के लिए लोगों को हम नहीं डराते तो फिर बहिष्कार के लिए उन्हें क्यों डराया जाए। दक्षिण कश्मीर में पुलवामा जिले के त्राल इलाके में कल देर रात अलग अलग घटनाओं में आतंकवादियों ने कांग्रेस पार्टी के एक सरपंच, उसके बेटे तथा एक ग्राम अधिकारी की गोली मारकर हत्या कर दी। उमर ने कहा कि हमले के जिम्मेदार लोगों को अपने तर्कों की कमजोरी का अहसास हो गया है और वे जानते हैं कि कोई डर न होने पर लोग चुनावों में वोट डालने बाहर आएंगे।