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बिस्मिल्लाह परिवार ने किया मोदी का प्रस्तावक बनने से इनकार

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नई दिल्ली , सोमवार, 21 अप्रैल 2014 (16:01 IST)
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वाराणसी। वाराणसी के सबसे चहेते फनकार शहनाई वादक बिस्मिल्लाह खान के परिवार ने 12 मई को यहां होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी का प्रस्तावक बनने से इंकार कर दिया है।

भाजपा के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को चार प्रस्तावकों की जरूरत है। अफ्फाक हैदर की जगह छन्नू प्रस्तावक बन गए है। अब छन्नू लाल मिश्र, गिरधर मालवीय, एक मल्लाह और एक बुनकर मोदी के प्रस्तावक है। मोदी 24 अप्रैल गुरुवार को वाराणसी से पर्चा भरेंगे। वाराणसी में 12 मई को चुनाव होना है।

बिस्मिल्लाह के पोते अफ्फाक हैदर ने बताया कि उन्हें स्थानीय भाजपा मेयर रामगोपाल मोहले ने घर बुलाकर मोदी का प्रस्तावक बनने की पेशकश की थी जिसे उन्होंने ठुकरा दिया।

वाराणसी में मतदान 12 मई को होना है और मोदी के अलावा कांग्रेस के अजय राय तथा आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल मैदान में हैं।

हैदर ने कहा कि हमें 16 अप्रैल को स्थानीय मेयर का फोन आया जिन्होंने हमें घर बुलाया। मैं, मेरे पिता उस्ताद जामिन हुसैन और पारिवारिक मित्र शकील अहमद उनसे मिलने गए तो उन्होंने कहा कि गुजरात से मोदीजी ने कुछ लोगों को खास आपके लिए भेजा है। वे चाहते हैं कि 24 अप्रैल को जब वे नामांकन दाखिल करें तो जामिन हुसैन साहब और पंडित मदन मोहन मालवीय के पोते उनके प्रस्तावक बने।

उन्होंने कहा कि हमने कहा कि हम परिवार से बात करके फैसला लेंगे तो उन्होंने हमें एक दिन का समय दिया। हमने बाद में उनसे कह दिया कि हम किसी दल के प्रस्तावक नहीं बनेंगे, क्योंकि बिस्मिल्लाह खान साहब कभी राजनीति से नहीं जुड़े रहे। वे कहते थे कि संगीत पर 4 घंटे बात कर लो लेकिन सियासत से दूर रहो।

संपर्क करने पर वाराणसी के मेयर ने कहा कि बिस्मिल्लाह के परिवार से उनके मधुर संबंध हैं लेकिन उन्होंने उनमें से किसी से मोदी के समर्थन के लिए नहीं कहा। हैदर ने कहा कि उन्हें सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए भाजपा या किसी भी दल का न्योता स्वीकार है लेकिन राजनीति में वे बिस्मिल्लाह के नाम का इस्तेमाल नहीं होने देंगे।

उन्होंने कहा कि अभी चुनाव हैं तो सभी दलों को बिस्मिल्लाह खान याद आ रहे हैं, लेकिन बाद में कोई नहीं पूछता। उनके इंतकाल के 8 साल बाद भी उनका मकबरा नहीं बना है, सिर्फ कच्ची कब्र है। यह पूछने पर कि क्या मोदी ने उनके परिवार से मुलाकात की है, उन्होंने 'ना' में जवाब दिया।

हैदर ने कहा कि मोदीजी अभी तक मिले नहीं हैं लेकिन सुना है कि जब वे बनारस आएंगे तो हमारे परिवार से मिलेंगे और बिस्मिल्लाह खान साहब की कब्र पर भी जाएंगे।

अरविंद केजरीवाल बनारस में ही हैं लेकिन वे भी मिलने नहीं आए हालांकि अपने भाषण में उन्होंने खान साहब का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि बिस्मिल्लाह खान कभी अपने जीते-जी राजनीति से जुड़े नहीं रहे और न ही उनके परिवार का इसमें भरोसा है।

उन्होंने कहा कि खान साहब को भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान मिला जबकि पद्म सम्मान कांग्रेस सरकार ने दिए। सभी दलों में उनका सम्मान था लेकिन वे राजनीति से कोसों दूर रहते थे। (भाषा)

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