प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह को 1992 के बाबरी मस्जिद विध्वंस कांड पर अपनी रिपोर्ट सौंपने के बाद सेवानिवृत्त न्यायाधीश एमएस लिब्रहान खुद को स्वतंत्र महसूस कर रहे हैं।
उन्होंने कहा मैंने अपनी रिपोर्ट में कई बातों का जिक्र किया है। आप पढ़ सकते हैं। यह मीडिया पर है कि उसकी प्रशंसा करे या निंदा करे।
यह पूछने पर कि आयोग ने रिपोर्ट सौंपने के लिए 17 वर्ष और 48 विस्तार क्यों लिए तो उन्होंने कहा कि गवाहों और कुछ लोगों के असयोगपूर्ण रवैये के कारण इतना वक्त लग गया।
लिब्रहान ने कहा कि सरकार रिपोर्ट का अध्ययन करेगी और उसके अनुरूप कार्रवाई करेगी और फिर रिपोर्ट एवं कार्रवाई रिपोर्ट को संसद में प्रस्तुत करेगी।
उन्होंने कहा कि रिपोर्ट संसद का विशेषाधिकार है, वह यह नहीं कह सकते कि उन्होंने किसी सजा की अनुशंसा की है।
उन्होंने कहा इसके लिए मैं अपना मुँह नहीं खोल सकता। खुलासा होने पर रिपोर्ट स्वयं बोलेगी।