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एसपीएस राठौर को अंतरिम जमानत

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पंचकूला , शुक्रवार, 1 जनवरी 2010 (15:16 IST)
BBC
यहासेशकोर्रुचिका छेड़छाडमामले में हरियाणा के पूर्व पुलिस महानिदेशक एसपीएस राठौर कजनवरअंतरिजमानत ददीमामलअगलसुनवासाजनवरहोगी।

जिला एवं सत्र न्यायाधीश एसपी सिंह ने 67 वर्षीय राठौर की वकील पत्नी आभा की दलीलें सुनने के बाद अंतरिम जमानत मंजूर की। पूर्व पुलिस अधिकारी की पत्नी आभा राठौड़ और गिरहोत्रा परिवार के वकील पंकज भारद्वाज की जिरह सुनने के बाद जिला और सत्र न्यायाधीश एसपी सिंह ने आदेश पारित किया।

छह जनवरी को पक्ष रखने के लिए कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। न्यायाधीश ने कहा इस दौरान याचिकाकर्ता (राठौड़) को यदि गिरफ्तार किया जाता है तो उसे अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया जाए। गौरतलब है राठौड़ ने रुचिका के साथ छेड़छाड़ की थी, जिसके बाद उसने आत्महत्या कर ली थी।

आभा ने रुचिका गिरहोत्रा के भाई के खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए जाने उसकी हत्या की कोशिश किए जाने और 14 वर्षीय रुचिका की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से छेड़छाड़ किए जाने के मामले में अग्रिम जमानत देने का आग्रह किया था।

सुनवाई के दौरान आभा ने दलील दी कि ऐसा कोई चिकित्सकीय प्रमाण नहीं है, जिससे यह साबित हो कि आशु को थर्ड डिग्री स्तर की यातना दी गई थी। इस तर्क को अदालत ने मान्य किया। हालाँकि रुचिका के वकील पंकज भारद्वाज ने कहा कि यह केवल अंतरिम राहत है। वे सात जनवरी को इस जमानत के खिलाफ अपील करेंगे।

रुचिका के पिता सुभाषचंद्र गिरहोत्रा और उनके भाई आशु की दो शिकायतों के बाद राठौड़ के खिलाफ प्राथमिकियाँ दर्ज की गई थीं। निचली अदालत ने रुचिका के साथ छेड़छाड़ मामले में 21 दिसंबर को राठौड़ को छह महीने की कैद और 10 हजार रुपए की जुर्माने की सजा दी थी।

आभा ने अदालत से कहा कि मामले में शिकायतकर्ता गिरहोत्रा, उनका बेटा आशु और मधु प्रकाश का परिवार जनता की आँखों के तारे बनना चाहते हैं। मधु प्रकाश ने तथ्यों को तोड़ा-मरोड़ा है और लीपापोती की है।

आभा ने कहा कि भारतीय दंड सहिता की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत रुचिका के भाई ने जो आरोप लगाए हैं, उस पर उच्चतम न्यायालय में भी आदेश जारी हो चुका है और उन्होंने शीर्ष न्यायालय के आदेश की एक प्रति भी पेश की।

आभा ने कहा कि राठौड़ के खिलाफ इस सप्ताह दो नई प्राथमिकियाँ दर्ज की गई हैं, जिसमें कुछ गैरजमानती को छोड़कर अधिकतर जमानत के योग्य हैं। पूर्व पुलिस महानिदेशक की पत्नी ने कहा-16-17 वर्षों बाद गिरहोत्रा और प्रकाश परिवार मामलों को उठा रहा है।

आभा राठौड़ के तर्कों का खंडन करते हुए गिरहोत्रा परिवार के वकील पंकज भारद्वाज ने अदालत के बाहर आरोप लगाया-इस प्रकार की घटना के बाद लड़की को आत्महत्या के लिए बाध्य करना और नौ वर्षों के बाद प्राथमिकी आशा की किरण है, जो बताती है कि हम किस प्रकार के न्याय या व्यवस्था की बात कर रहे हैं। भारद्वाज ने कहा कि राठौर ने कथित तौर पर नौकरशाही या राजनीतिक तंत्र की मदद से सब कुछ अपने पक्ष में कर लिया था।

आभा राठौर ने कहा आनंद प्रकाश (रुचिका की सहेली आराधना के पिता और मधु प्रकाश के पति) का सेवा का रिकॉर्ड खराब रहा है। अब वे मीडिया के हीरो बन रहे हैं।

अंबाला के पूर्व पुलिस अधीक्षक केपी सिंह की भूमिका का उल्लेख करते हुए आभा ने कहा कि जिला के पुलिस प्रमुख ने अपना बयान दर्ज कराया था कि राठौर उनके सुपरवाइजरी अधिकारी नहीं थे। नब्बे के दशक में पंचकूला अंबाला का हिस्सा था।

राठौड़ की पत्नी ने कहा-एडीआई सेवा सिंह (एक अन्य पुलिसकर्मी जिसका नाम गिरहोत्रा परिवार ने लिया है) ने रिकॉर्ड में कभी नहीं लिखा कि राठौर ने उन पर दबाव बनाया था या उन्होंने इस मामले में कभी उनसे बात की।

आभा ने कहा कि वे अब कह रहे हैं कि आशु को राठौर के कहने पर प्रताड़ित किया गया, जो बिल्कुल झूठ है। राठौर ने जाँच करने वाले अधिकारियों पर कभी दबाव नहीं डाला।

उन्होंने कहा कि रुचिका की मृत्यु के एक दिन पहले और 1991 में गिरहोत्रा ने चंडीगढ़ की अदालत में बयान दिया था कि उनकी दूसरी पत्नी भी है, जिसका नाम वीणा है।

आभा ने कहा रुचिका घर में अकेले रहती थी। वे (गिरहोत्रा और वीणा) रुचिका को घर में बंद कर अक्सर अकेले छोड़ जाते थे। आभा ने कहा कि 29 दिसंबर 1993 को रुचिका की मृत्यु के एक दिन पहले वे मंदिर गए थे और देर रात घर लौटे थे। (वेबदुनियन्यू/भाषा)

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