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एक प्रश्न
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डॉ. सुरेश राय अगर मैं ईश्वर हूं तो मरता क्यों हूं? अगर मैं ईश्वर नहीं तो जीता क्यों हूं? सृष्ट जीव - स्त्रष्टा का स्वरूप कैसे? साकार - सगुण निराकार का रूप कैसे?
अद्वैत - द्वैत शब्द-जाल अथवा ब्रह्म-जीव-विज्ञान। समाधि-बोध गूंगे का गुड़ वा रामकृष्णीय-भावावेश संधान। सोहम् पर आवृत सर्वकालिक भ्रम नष्ट कर। अतीन्द्रय दर्शन से घनीभूत अंधकार विनष्ट कर।