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प्रवासी साहित्य : लाल किले की प्राचीर से

हमें फॉलो करें प्रवासी साहित्य : लाल किले की प्राचीर से
- उमेश ताम्बी 
 

 
 
प्रधान सेवक का अभिवादन
देशवासियों का अभिनंदन
स्वतंत्र विधान के नए आयाम
शुरू हो गया सफाई अभियान
सत्तर प्रतिशत जनता ढूंढ रही मुक़ाम।
 
जनहित और देशहित के दृष्टा
सभी दलों की सहमति में निष्ठा
शांति, एकता, सद्भावना और
भाईचारे की पराकाष्ठा
महिलाओं की सुरक्षा-सुविधा के प्रति कर्मठता
बेटे-बेटियों की समानता में ही है प्रतिष्ठा।
 
पंचवर्षीय योजना का शीघ्र ही विकल्प
सांसद आदर्श ग्राम योजना जैसे आशावादी प्रकल्प
कौशल्य से परिपूर्ण आधुनिक भारत का दृढ़ संकल्प
फले-फूले निर्यात और जन-धन योजनारूपी कल्प
वैचारिक और आध्यात्मिक धरोहर का पुन: संकल्प।
 
पश्चिम की प्रगति का अनुमान हो
पांच सूत्री योजना का ऐलान हो
सबको भोजन, सबको घर, सबको स्वास्थ्य
सबकी सुरक्षा, सबकी शिक्षा
भाषणों और घोषणाओं की हो निष्पक्ष समीक्षा
तभी साकार होगी गरीबी को
परास्त करने की ये अग्नि परीक्षा।

साभार- गर्भनाल 

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