Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

जिम्नास्टिक स्पर्धा में निकोलाई के 9 स्वर्ण

हमें फॉलो करें जिम्नास्टिक स्पर्धा में निकोलाई के 9 स्वर्ण
निकोलाई आंद्रियानोव सोवियत रूस के ऐसे जिम्नास्ट रहे हैं, जिन्होंने ओलिम्पिक में अपनी प्रतिभा और शारीरिक लचक की वजह से सर्वाधिक पदक (15) जिम्नास्टिक की विभिन्न स्पर्धाओं से एकत्र किए हैं।

ब्लादिमीर में 14 अक्टूबर 1952 को पैदा हुए आंद्रियानोव ने अपने ओलिम्पिक करियर का आगाज म्यूनिख (1972) में 20 वर्ष की उम्र से किया था और मास्को (1980) तक जिम्नास्टिक में उनकी पदकों की खोज चलती रही थी।

शारीरिक शिक्षा में अध्यापन कार्य करने वाले आंद्रियानोव ने म्यूनिख, मांट्रियल व मास्को में सात स्वर्ण, पांच रजत व तीन कांस्य पदक प्राप्त किए थे। वे 1975 एवं 1977 में विश्व कप स्पर्धा और 1978 की विश्व चैंपियनशिप के श्रेष्ठ जिम्नास्ट रहे।

योरपियन चैंपियनशिप 1971 में आंद्रियानोव चमके- अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा के प्रवेशांक को उन्होंने पॉमेल्ड हॉर्स व वॉल्ट स्पर्धा को जीतकर तथा कंबाइंड स्पर्धा में कांस्य लेकर खुशनुमा बना दिया। अगला पड़ाव म्यूनिख ओलिम्पिक का, जहाँ उन्होंने फ्लोर का स्वर्ण, लांग हॉर्स वॉल्ट का कांस्य और टीम स्पर्धा का रजत जीता। पर पॉमेल्ड हॉर्स के कमजोर प्रदर्शन ने आंद्रियानोव को व्यक्तिगत स्पर्धा में चौथे स्थान पर ला पटका।

मांट्रियल (1976) में मिले सात पदक- हालाँकि मांट्रियल में रोमानियाई गुड़िया नादिया क्रोमानेसी अत्यधिक चर्चित रहीं, पर पुरुष वर्ग में आंद्रियानोव भी कमाल का प्रदर्शन कर गए। व्यक्तिगत स्पर्धा, लांग हॉर्स वॉल्ट, रोमनरिंग्स और फ्लोर के स्वर्ण के साथ दो रजत (कंबाइंड स्पर्धा टीम, पैरेलल बार) व एक कांस्य (पॉमेल्ड हॉर्स) पदक उन्होंने जीता।

चार स्वर्ण लेकर उन्होंने अपने ही देशवासी बोरिस सखालिन का रिकॉर्ड बराबर किया। बोरिस ने रोम 1960 में चार स्वर्ण जीते थे। मास्को (1980) में जिम्नास्टिक स्पर्धा सोवियत रूस के ही अलेक्सांद्र दित्यातिन के नाम रही, जिन्होंने एक ही ओलिम्पिक में आठ पदक जीते थे (तीन स्वर्ण, चार रजत व एक कांस्य)। पर आंद्रियानोव भी पीछे नहीं रहे।

उन्हें कंबाइंड एक्सरसाइज (टीम) व लांग हॉर्स वॉल्ट में सोना मिला, व्यक्तिगत स्पर्धा व फ्लोर पर रजत एवं हॉरिजोंटल बार पर कांस्य पदक मिला। और इस तरह आंद्रियानोव तीन ओलिम्पिक आयोजन में अपनी पदक संख्या 15 करने में सफल रहे।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi