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पॉकेट हरक्यूलिस नईम सूलेमानूलू

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चार फुट 11 इंच लंबे नईम सूलेमानूलू अपने वजन से कई गुना ज्यादा वजन उठाने में माहिर थे। पॉकेट हरक्यूलिस नाम से पूरे विश्व में पहचाने जाने वाले सूलेमानूलू के नाम कई विश्व रिकॉर्ड दर्ज हैं। वे विश्व इतिहास में अभी तक दूसरे ऐसे भारोत्तोलक हैं, जो क्लीन एंड जर्क वर्ग में अपने वजन के तीन गुना वजन उठा चुके हैं।

नईम के नाम तीन ओलिम्पिक स्वर्ण, सात विश्व चैंपियनशिप और छः यूरोपीय चैंपियनशिप खिताब हैं। इसके अलावा उनके नाम 46 विश्व रिकॉर्ड दर्ज हैं। सूलेमानूलू का 1967 में जन्म पीचर (बल्गारिया) में तुर्की मूल के परिवार में हुआ।

नईम के पिता ने उनकी प्रतिभा को जल्द ही पहचान लिया और 10 वर्ष की आयु में ही भारोत्तोलन का प्रशिक्षण प्रारंभ कर दिया। शुरुआत में उन्हें जो भी भारी पत्थर, पेड़ों की टहनियाँ मिलती उठाते थे। उन्हें पास ही स्थित प्रशिक्षण केन्द्र भेजा गया, जहाँ 4 फुट से कम 10 वर्षीय नईम किसी वयस्क पुरुष की तरह भारी वजन उठाते थे।

14 वर्ष की आयु में सूलेमानूलू ने अपना पहला जूनियर वर्ग का खिताब जीता। 15 वर्ष की आयु में वे विश्व रिकॉर्ड बना चुके थे, लेकिन वे 16 वर्ष की आयु में 1984 के लॉस एंजिल्स ओलिम्पिक खेलों हिस्सा लेने से चूक गए। बल्गारिया ने सोवियत संघ के बहिष्कार का साथ देते हुए इन खेलों में हिस्सा नहीं लेने का निर्णय लिया था।

बल्गारिया में कम्युनिस्ट ताकतों ने तुर्की अल्पसंख्यकों को बल्गारियाई नाम रखने के लिए बाध्य किया और वे नऊम शालामानोव के नाम से पहचाने जाने लगे। 1986 में मेलबोर्न के विश्व कप फाइनल के बाद शालामानोव बाद वे तुर्की चले गए, जहाँ उन्होंने नागरिकता माँगी और साथ ही उन्होंने बल्गारियाई नाम सुलेमानोव/शालामानोव को बदलकर तुर्की मूल का नईम सुलेमानूलू कर लिया।

1988 के सिओल ओलिम्पिक से पहले दोनों देशों में उनकी हिस्सेदारी को लेकर संघर्ष हुआ। बल्गारिया सरकार ने उन्हें तुर्की का प्रतिनिधित्व करने की अनुमति देने के लिए दस लाख डॉलर की माँग की और हासिल भी किए।

सूलेमानूलू ने भी उन्हें निराश नहीं किया। उन्होंने 60 किग्रा वजन वर्ग का स्वर्ण 30 किग्रा वजन के अंतर से जीता। इस दौरान उन्होंने स्नैच और क्लीन एंड जर्क में कुल 342.5 किग्रा वजन उठाते हुए विश्व रिकॉर्ड भी कायम किया।

1989 में विश्व चैंपियनशिप का खिताब जीतने के बाद उन्होंने 22 वर्ष की आयु में संन्यास ले लिया, लेकिन 1991 में जबर्दस्त चुनौती के बीच वापसी की। 1992 के बार्सिलोना ओलिम्पिक में दूसरा ओलिम्पिक स्वर्ण जीता।

ओलिम्पिक खेलों के बीच वे विश्व खिताब जीतते गए और कई रिकॉर्ड कायम करते रहे। सूलेमानूलू ने बल्गारिया के निकोलेय पेशालोव को 15 किग्रा से शिकस्त दिया। चार वर्ष बाद 1996 के एटलांटा ओलिम्पिक खेलों में वे यूनान के वालेरियोस लियोनिडिस को पीछे छो़ड़ते तीसरा ओलिम्पिक स्वर्ण जीतने में सफल रहे।

इस बीच उन्होंने अपना ही विश्व रिकॉर्ड ध्वस्त किया। 64 किग्रा वजन वर्ग में स्नैच वर्ग में उन्होंने लगभग असंभव काम कर दिखाया और 147.5 किग्रा वजन उठाया। क्लीन एंड जर्क वर्ग में उन्होंने रिकॉर्ड 187.5 किग्रा वजन उठाया।

पॉकेट हरक्यूलिस ने 2000 के सिडनी ओलिम्पिक में अपना चौथा स्वर्ण जीतने का प्रयास किया, लेकिन वे स्नैच वर्ग में 145 किग्रा वजन उठाने से तीन बार चूक गए और बाहर हो गए।

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