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गणेश उत्सव की खुशबू

साझा रूप से मनाते हैं त्योहार

हमें फॉलो करें गणेश उत्सव की खुशबू
- भूपेंद्र सिं
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विविधताओं से परिपूर्ण इस अनोखे भारत देश के किसी न किसी कोने में हर समय त्योहार का मौसम बना ही रहता है। ऐसा ही एक मशहूर पर्व है गणेश महोत्सव जो महाराष्ट्र से है। यानी मराठियों का यह सबसे विशाल और महत्वपूर्ण पर्व होता है लेकिन अब इस पर्व की खुशबू महाराष्ट्र से बाहर भी बिखरने लगी है। वह भी पूरी ताजगी के साथ।

मराठी परिवारों के महाराष्ट्र से बाहर निकलकर अन्य प्रदेशों में बसने से दूसरे राज्यों के बड़े शहरों व कस्बों में भी गणेश उत्सव मनाया जाने लगा है। जन्माष्टमी का त्योहार संपन्न होने के बाद अब लोग गणेश महोत्सव में जुट गए हैं। 11 सितंबर को गणेश चतुर्थी के दिन गणेश महोत्सव के लिए तैयार किए जा रहे पंडालों में गणेश की प्रतिमा स्थापित की जाएगी।

शुरुआत में एक-दो जगहों पर छोटे स्तर पर शुरू हुआ गणेश महोत्सव बड़े पैमाने पर मनाया जाना लगा है। गुड़गाँव में पिछले 19 सालों से मराठी परिवार गणेश महोत्सव आयोजित कर रहा है जिसे सार्वजनिक गणेशोत्सव समिति मनाती है। कई साल साल पहले गुड़गाँव में सिर्फ सार्वजनिक गणेश महोत्सव समिति द्वारा ही गणेश महोत्सव मनाया जाता था।

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गुड़गाँव के विस्तार के साथ कई देशी विदेशी कंपनियों में रोजगार पाने वाले बहुत से मराठी परिवार वहाँ आकर बस गए जिसके बाद इस शहर में कई स्थानों पर गणेश उत्सव मनाया जाने लगा है। लेकिन सबसे बड़े स्तर पर सार्वजनिक गणेशोत्सव समिति ही गणेश महोत्सव का आयोजन करती है।

समिति के प्रधान विष्णु पाटिल का कहना है कि जैसा कि समिति के नाम से स्पष्ट हो जाता है कि गणेश उत्सव में सिर्फ मराठी परिवार ही शामिल नहीं होते हैं बल्कि उत्तर भारतीय भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं इसलिए इस समिति का नाम सार्वजनिक गणेश उत्सव रखा गया है।

कई दिन तक चलने वाले इस उत्सव में विशेष रूप से मराठी कला-संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। चूँकि इस उत्सव में उत्तर भारतीय भी शामिल होते हैं इसलिए कई उत्तर भारतीय सांस्कृतिक कार्यक्रम भी इस उत्सव में शामिल किए जाते हैं। गणेश उत्सव के दौरान यहाँ रहने वाले मराठी परिवार तो मराठी कला की झलकिया प्रस्तुत करते ही हैं। साथ ही महाराष्ट्र के रंगमंच कलाकार व नाट्यकर्मी भी इस गणेश उत्सव में मराठी कला की छटा बिखेरते हैं। हर साल गणेश उत्सव भव्य रूप धारण कर रहा है।

समिति की पूर्व अध्यक्ष सुभांगी का कहना है कि हम चाहते थे कि हर साल गणेश की प्रतिमा की ऊँचाई एक फीट बढ़ाए, लेकिन कुछ कारणों की वजह से यह संभव नहीं हो सका। इसलिए उत्सव में चार फीट की गणेश प्रतिमा रखी जाएगी जिसे महाराष्ट्र से मँगाया गया है। आने वाले दिनों में गुड़गाँव गणेश उत्सव के रंग में रंगा नजर आएगा।

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