Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

इन 10 बातों से जानिए ओणम पर्व क्यों माना गया है खास

हमें फॉलो करें इन 10 बातों से जानिए ओणम पर्व क्यों माना गया है खास
Onam Festival 2020
 
* केरल में मनाया जाने वाला ओणम का 10 दिनी त्योहार हस्त नक्षत्र से शुरू होकर श्रवण नक्षत्र तक जारी रहता है। 
 
* लोग घर के आंगन में महाबलि की मिट्टी की बनी त्रिकोणात्मक मूर्ति पर अलग-अलग फूलों से चित्र बनाते हैं, जितनी भी कलाकृतियां इन दिनों बनाई जाती हैं उसे महाबलि के चले के बाद ही हटाई जाती हैं। 
 
* नई फसल के आने की खुशी में ओणम पर्व मनाया जाता है। 
 
* ओणम पर्व पर राजा बलि के स्वागत के लिए घरों की आकर्षक साज-सज्जा के साथ फूलों की रंगोली और तरह-तरह के पकवान बनाकर उनको भोग अर्पित करते है। 
 
* हर घर के सामने रंगोली सजाने और दीप जलाने की भी परंपरा हैं।
 
* इन दिन महिलाएं फूलों की रंगोली बनाती है, जिसे ओणमपुक्कलम कहते हैं। 
 
* हर घर में विशेष पकवान बनाए जाते हैं। खास तौर पर चावल, गुड़ और नारियल के दूध को मिलाकर खीर बनाई जाती है। 
 
* इसके साथ ही कई तरह की सब्जियां, सांभर आदि भी बनाया जाता है। 
 
* इस अवसर पर मलयाली समाज के लोगों ने एक-दूसरे को गले मिलकर शुभकामनाएं देते हैं। साथ ही परिवार के लोग और रिश्तेदार इस परंपरा को साथ मिलकर मनाते हैं। 
 
* इन दिनों फूलों की रंगोली को दीये की रोशनी के साथ सजाया जाता है और खीर (आऊप्रथमन) पकाई जाती है। 
 
* ओणम के दिन नारियल के दूध व गुड़ से पायसम, केले का हलवा, नारियल चटनी, चावल के आटे को भाप में पका कर और कई तरह की सब्जियां मिलाकर अवियल, आदि बनाकर 64 प्रकार के पकवान बनाने की परंपरा है। 
 
* केरल के पारंपरिक भोज को ओनसद्या कहा जाता है, जिसे केले के पत्ते पर परोसना शुभ माना गया है। 
 
केरल में 10 दिन तक चलने वाला ओणम उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन इस बार ओणम पर भी कोरोना का साया रहने के कारण इस पर्व ज्यादा उल्लास दिखाई नहीं देगा। 
 
प्रस्तुति-आरके. 

ALSO READ: Onam 2020 : ओणम पर्व का महत्व जानिए

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Pitru Paksha 2020 : यदि नहीं किया श्राद्ध कर्म तो क्या होगा, पितृदोष लगेगा या नहीं?