Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

मानस के रचियता

हमें फॉलो करें मानस के रचियता
- महेन्द्र सांघी
WD


रामचरितमानस रचने में,
क्या-क्या शोध किया होगा?
पूज्य तुलसीदासजी आपने,
स्वयं को होम किया होगा।

रात-रातों को जागे होंगे,
दिनों में भी आराम न किया होगा।
थकित शरीर, दुःखित चरणों को,
क्या कोई सेवक मिला होगा?

समय पर भोजन न किया होगा,
नदी तट पर होकर भी न जल पिया होगा।
राम प्रेम के आवेगों से,
संचित जल भी अंखियों से बहा होगा।

सूख गया होगा मुख, खो गई होगी सुध,
निश्चल मन राम में रमा होगा।
बूंद-बूंद से भरे सरोवर,
उसी तरह आपने रामचरित रचा होगा।

रामचरित का हर प्रसंग,
जीवन रस मन में उतरा होगा।
वही जीवन रस चौपाईयां बनकर,
आपकी कलम से बह निकला होगा।

मानस की स्वरचित पंक्तियों को,
आपने कई-कई बार पढ़ा होगा।
आज सब मगन मुग्ध हो जाते हैं पढ़कर,
आपका तो रोम-रोम खिला होगा।

पर आपको कुछ न मालूम होगा,
आप तो राममय हो गए होंगे।
चौपाई, छंद व दोहों की दुनिया में,
बस जाकर के खो गए होंगे।

आपके इस महाग्रंथ की राम कहानी,
तो बस जानते होंगे श्री राम।
श्री गुसांई आपको शत-शत नमन,
जन्मदिवस पर बारंबार शत-शत प्रणाम।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi