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संत शदाराम का 302वाँ जन्मोत्सव

300 साल पुराना है दरबार का इतिहास

हमें फॉलो करें संत शदाराम का 302वाँ जन्मोत्सव
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शदाणी दरबार तीर्थ के संस्थापक शिव अवतारी संत शदाराम साहिब का 302वाँ एवं आठवें पीठाधीश ब्रह्मलीन संत स्वामी गोबिंदराम साहिब का 66वाँ जन्म महोत्सव 21 से 25 अक्टूबर तक मनाया जाएगा।

सिंध प्रांत से जुड़े शदाणी दरबार का इतिहास 300 साल पुराना है। शदाणी दरबार के सचिव सत्यवृत शदाणी ने बताया कि शिव अवतारी संत शदाराम का जन्म सूर्यवंशी लोहाना खत्री परिवार में लाहौर में हुआ था। उन्होंने मानव कल्याण के उद्देश्य से संपूर्ण भारत का 40 वर्षों तक भ्रमण किया। चारों धाम और सभी ज्योतिर्लिंग का दर्शन कर राम नाम का प्रचार करते हुए सिंध के पवित्र स्थल हयातपिताफी में धुणा दुखाकर शदाणी मंदिर की स्थापना की थी।

इस तीर्थ में प्रतिवर्ष एक जत्था अंडर प्रोटोकाल एग्रीमेंट के तहत तीर्थ यात्रा पर जाता है। भारत-पाक विभाजन के बाद संत शदाराम साहिब की गद्दी के आठवें पीठाधीश संत गोबिंदराम महाराज ने 1988 में रायपुर के धमतरी मार्ग पर शदाणी दरबार का सुंदर मंदिर बनवाया। शदाणी दरबार के माध्यम से हिन्दू जत्था पाकिस्तान स्थित मंदिरों के दर्शनार्थ जाता है।

पहले दिन 21 अक्टूबर को चौदस का मेला एवं श्रीराम कथा यज्ञ शुरू होगा। 22 अक्टूबर को सत्यनारायण कथा व 23 को श्री गुरुग्रंथ साहिब का अखंड जाप शुरू होगा। 24 को ध्वजारोहण एवं मातृशक्ति द्वारा कलश यात्रा निकाली जाएगी। अंतिम दिन 25 अक्टूबर को दोपहर 1 बजे तक कथा एवं अखंड पाठ का भोग साहिब तथा रात्रि में जन्मोत्सव का केक प्रसाद स्वरूप वितरित किया जाएगा।

इस मौके पर हरिद्वार से भूमा निकेतन के पीठाधीश स्वामी अच्यूतानंद तीर्थ, भारत माता मंदिर के स्वामी ललितानंद गिरी, पेन्ड्रारोड से स्वामी परमात्मानंद एवं पानीपत से पं. रामसागर आएँगे।

भारत सरकार द्वारा संत शदाराम की स्मृति में 25 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे डाक टिकट का विमोचन एवं देवनागरी लिपी में शदाणी प्रकाश ग्रंथ, संत शदाणी चालीसा और हरिद्वार शदाणी मंदिर पर पुस्तिका का विमोचन होगा। पाँच दिन तक कथा, यज्ञ, भजन-कीर्तन व आम लंगर का आयोजन होगा। साथ ही धुणी वाले दातार का विशेष रोट प्रसाद भी वितरित किया जाएगा। (नईदुनिया रायपुर)

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