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राम से भी बढ़कर राम का नाम

राम नवमी विशेष

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लोगों! बलशालियों में बलशाली राम है।
राम से भी बलशाली राम का नाम है।

'राम' यह शब्द दिखने में जितना सुंदर है उससे कहीं अधिक महत्वपूर्ण है इसका उच्चारण। राम कहने मात्र से शरीर और मन में अलग ही तरह की प्रतिक्रिया होती है जो हमें आत्मिक शांति देती है। हजारों संत और महात्माओं ने राम का नाम जपते-जपते मोक्ष को पा लिया है।

कहते हैं कि बलशालियों में सर्वाधिक बलशाली राम है, लेकिन राम से भी बढ़कर श्रीराम जी का नाम है। हनुमान, लक्ष्मण, सुग्रीव, रावण से लेकर कबीर, तुलसी और गाँधी तक सभी राम का नाम ही जपते रहे हैं। राम नाम की महिमा ही कुछ ऐसी है कि इसको जपने से संपूर्ण मानसिक ताप मिट जाते हैं।

मृत्यु के बाद भी साथ : राम की सत्ता को नकारने वाले तत्व नहीं जानते कि जब मृत्युकाल होगा तब तुम्हारे विचार, क्रोध, पद, दंभ, साथी और राजनीतिक मित्र सब यहीं छूट जाएँगे। तुम्हारे ही लोग जल्दबाजी करेंगे तुम्हें जलाने या दफनाने की। आँखों के सामने अँधकार जब छा जाएगा तब यदि राम का नाम कमाया है तो वही दीप बनकर जलेगा और तुम्हें रास्ता दिखाएगा।

शांति के लिए : राम और राम नाम के महत्व को हजारों बार प्रमाणित किया जा चुका है, लेकिन मूढ़ बुद्धि 'रहस्य' को नहीं मानती। कुछ शब्द ऐसे होते हैं जिनको सुनने या कहने से हमारे दिमाग में उत्तेजना, निराशा, क्रोध या अन्य तरह के नकारात्मक भाव उत्पन्न होते हैं। लेकिन कुछ शब्द ऐसे होते हैं जिनको सुनने मात्र से मन शांत और निश्चल हो जाता है। यह सभी जानते हैं कि अच्छा संगीत हमारे शरीर, मन और मस्तिष्क सभी को स्वस्थ और प्रसन्न रखने की ताकत रखता है।

नाम की महिमा : सेतुबंध बनाया जा रहा था तब सभी को संशय था कि क्या पत्थर भी तैर सकते हैं। क्या तैरते हुए पत्थरों का बाँध बन सकता है तो इस संशय को मिटाने के लिए प्रत्येक पत्थर पर राम का नाम लिखा गया। हनुमान जी भी सोच में पड़ गए कि बिना सेतु के मैं लंका कैसे पहुँच सकता हूँ....लेकिन राम का नाम लेकर वे एक ही फलांग में पार कर गए समुद्र।

भगवान राम के जन्म के पूर्व इस नाम का उपयोग ईश्वर के लिए होता था अर्थात ब्रह्म, परमेश्वर, ईश्वर आदि की जगह पहले 'राम' शब्द का उपयोग होता था, इसीलिए इस शब्द की महिमा और बढ़ जाती है तभी तो कहते हैं कि राम से भी बढ़कर श्रीराम का नाम है।

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{C} राम' शब्द की ध्वनि हमारे जीवन के सभी दुखों को मिटाने की ताकत रखती है। यह हम नहीं ध्वनि विज्ञान पर शोध करने वाले वैज्ञानिक बताते हैं कि राम नाम के उच्चारण से मन शांत हो जाता।

बदनाम ना करो नाम : ऐसा काम ना करो कि जिससे राम का नाम बदनाम हो। वर्तमान में भारतीय राजनीतिक दल राम को लेकर राजनीति करती है। पक्ष और विपक्ष दोनों के झगड़े के कारण राम और हिंदू धर्म की छवि पर धूमिल हुई है।

कलयुग में यही सहारा : कहते हैं कि कलयुग में सब कुछ महँगा है, लेकिन राम का नाम ही सस्ता है। सस्ता ही नहीं सभी रोग और शोक की एक ही दवा है राम। वर्तमान में ध्यान, तप, साधना और अटूट भक्ति करने से भी श्रेष्ठ राम का नाम जपना है। भागमभाग जिंदगी, गलाकाट प्रतिस्पर्धा, धोखे पर धोखे, माया और मोह आदि सभी के बीच मानवता जब हताश और निराश होकर आत्महत्या करने लगती है तब सिर्फ राम नाम का सहारा ही उसे बचा सकता है।

राम रहस्य : प्रसिद्ध संत शिवानंद निरंतर राम का नाम जपते रहते थे। एक दिन वे जहाज पर यात्रा के दौरान रात में गहरी नींद में सो रहे थे। आधी रात को कुछ लोग उठने लगे और आपस में बात करने लगे कि ये राम नाम कौन जप रहा है। लोगों ने उस विराट, लेकिन शांतिमय आवाज की खोज की और खोजते-खोजते वे शिवानंद के पास पहुँच गए।

सभी को यह जानकर बड़ा आश्चर्य हुआ की शिवानंद तो गहरी नींद में सो रहे है, लेकिन उनके भीतर से यह आवाज कैसे निकल रही है। उन्होंने शिवानंद को झकझोर कर उठाया तभी अचानक आवाज बंद हो गई। लोगों ने शिवानंद को कहा आपके भीतर से राम नाम की आवाज निकल रही थी इसका राज क्या है। उन्होंने कहा मैं भी उस आवाज को सुनता रहता हूँ। पहले तो जपना पड़ता था राम का नाम अब नहीं। बोलो श्रीराम।

कहते हैं जो जपता है राम का नाम राम जपते हैं उसका नाम।-शतायु

..तो एक बार दिल से कहे...हे राम। हे राम...हे राम।
तू अंतरयामी सबका स्वामी। तेरे चरणों में चारों धाम।

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