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राज ठाकरे के दादा देवास में पढ़े थे

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- चंद्रकांत शिंद
मुंबई। महाराष्ट्र में रेलवे की परीक्षा देने आए उत्तर भारतीय छात्रों से मारपीट करने वाले राज ठाकरे के दादा प्रबोधनकार ठाकरे मध्यप्रदेश के देवास में पढ़ने गए थे। वे देवास के विक्टोरिया हाईस्कूल में दो वर्ष पढ़े। उन्होंने स्कूल के प्राचार्य गंगाधर नारायण शास्त्री को धन्यवाद दिया था और कहा था कि उनकी वजह से उन्हें पढ़ने में रुचि जगी। लगता है, मनसे प्रमुख राज ठाकरे इस बात को भूल गए हैं।

शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे के पिता सीताराम केशव ठाकरे उर्फ प्रबोधनकार ठाकरे 1901 व 1902 में देवास में थे।

मुंबई के नजदीक पनवेल में रहने वाले सीताराम ठाकरे पनवेल में पाँचवीं तक पढ़े। उनके मामा राजाराम नारायण गडकरी देवास संस्थान में वकालत कर रहे थे। संस्थान के राजघराने से उनके अच्छे संबंध थे। वे जब पनवेल में ठाकरे के घर गए तब सीताराम ठाकरे को अपने साथ देवास ले गए। उनके पास निवास प्रमाण-पत्र न होने के बावजूद विक्टोरिया हाईस्कूल के प्राचार्य गंगाधर नारायण शास्त्री ने उन्हें छठी में दाखिला दे दिया। यह 1901 की बात है।

स्कूल में देसाई सर अँगरेजी, नांदेड़कर सर इतिहास, महामहोपाध्याय पटवर्धन संस्कृत और खुद प्राचार्य शास्त्री अँगरेजी पढ़ाते थे। प्रबोधनकार ठाकरे ने अपनी जीवनी में लिखा है कि वे छठी में फेल हो गए थे।

प्रबोधन ठाकरे देवास में ही योगींद्र श्रीशीलनाथ महाराज के आश्रम में भी वे जाते थे। छठी पास होने के बाद ठाकरे बीमार हो गए। उसी समय इंदौर में प्लेग फैल गया। तब उनके पिता केशव ठाकरे देवास आए और उन्हें वाया उज्जैन मुंबई लाए। वहाँ से फिर अपने पनवेल स्थित घर ले गए। ठाकरे का जन्म पनवेल में ही 17 सितंबर 1885 को हुआ था। ठाकरे बाद में 1920 में मल्हारराव महाराजा के कहने पर देवास गए थे। इसके बाद वे 1936 में भी देवास गए, जहाँ उन्हें भाषण देने के लिए बुलाया गया था। जिस स्कूल में वे पढ़े थे वहीं पर उन्हें भाषण देना था।

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