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धूम मचाएगा सूफी गायन-कैलाश खेर

एक दिन टूटेगा पॉप संगीत का तिलिस्म

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आगरा (वार्ता) , शुक्रवार, 20 फ़रवरी 2009 (13:51 IST)
सूफी संगीत को नई दिशा देने वाले गायक कैलाश खेर का मानना है कि पाश्चात्य पॉप संगीत का तिलिस्म एक दिन टूटेगा और सूफी गायन पूरे विश्व में छा जाएगा।

ताज महोत्सव में शिरकत करने आए खेर ने कहा कि भारतीय संगीत की विश्व में एक अलग पहचान रही है। वे चाहते हैं कि सूफी संगीत की ध्वजा भी विश्व में फहराए जिसके लिए वह पूरे मन से जुटे हुए हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि एक दिन उनकी यह साधना अवश्य रंग लाएगी।

उन्होंने भारतीय और पाश्चात्य संगीत के बारे में कहा कि जिस तरह लोगों में पाप बढ़ रहा है उसी प्रकार पुण्य में भी लोगों का ध्यान है। जहाँ एक ओर शराब के ठेके बढ़े हैं तो दूसरी ओर मंदिरों और संगीत के स्कूलों की गिनती में इजाफा हुआ है। आध्यात्म तो मन पवित्र करने का एक विज्ञान है लेकिन न जाने क्यों लोग उसे समझ नहीं पा रहे हैं।

खेर ने कहा कि संगीत की समझ रखने वाले लोग अब सूफी संगीत की ओर भी ज्यादा रुचि ले रहे हैं और इसकी लोकप्रियता दिनोदिन तेजी से बढ़ रही है। आज के युवा कबीर और सूर के भजनों को गुनागुना रहे हैं। धीरे-धीरे सूफी संगीत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान बना रहा है।

शास्त्रीय संगीत के पुरोधा कुमार गंधर्व को अपना प्रणेता बताते हुए खेर ने कहा कि शास्त्रीय संगीत को जाने बिना कोई संगीतकार आगे नहीं बढ़ सकता। उन्होंने शास्त्रीय संगीत को समझने के लिए कड़ी मेहनत की है जिसका आज फल मिल रहा है।

ताज नगरी आगरा को प्रेम की नगरी बताते हुए उन्होंने कहा कि यहाँ संत बसते हैं। यहाँ आकर लोग जाने-अनजाने प्रेम में फँस जाते हैं। ताज महोत्सव में कल रात खेर ने 'अल्लाह के बंदे हंस दे', 'तेरे नाम पर मर जाऊँ', 'जाणा जोगी रे', 'तौबा-तौबा तेरी सूरत' आदि कुछ भक्ति गीत सूफीयाना अंदाज में अपनी बुलंद आवाज से प्रस्तुत कर लोगों का दिल जीत लिया।

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