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नईदुनिया की आवाज का असर

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, गुरुवार, 28 अगस्त 2008 (13:19 IST)
शहर में नेताओं की रैलियों और सभाओं से नागरिकों को होने वाली परेशानी को 'नईदुनिया' ने हर बार प्रमुखता से उठाया है। जहाँ जरूरत पड़ी, वहाँ नेता का कद या पार्टी की सत्ता से अप्रभावित रहते हुए हमने इसकी आलोचना भी की। गत 19 अगस्त को इंदौर में कांग्रेस के सद्भावना सम्मेलन के दौरान शहरवासियों को सड़कों पर खासा त्रास भुगतना पड़ा था।

इस सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री कमलनाथ सहित कई नेताओं ने शिरकत की थी। सड़कों पर पसरी इस अराजकता के प्रति नागरिकों के दर्द को उठाते हुए एक पाठक मनीष शर्मा का पत्र भी हमने 20 अगस्त के अंक में प्रकाशित किया था।

इस पत्र के जवाब में कमलनाथ ने न केवल इंदौर के नागरिकों से माफी माँगी, बल्कि भविष्य में उनकी पार्टी की ओर से ऐसा न होने देने का भरोसा भी दिलाया है। यह पत्र नागरिकों के लिए है, लिहाजा हम इसे यहाँ ज्यों का त्यों प्रकाशित कर रहे हैं।

हमें शर्मा जैसे पाठकों पर गर्व है और आशा है भविष्य में भी सुधी पाठक इसी तरह 'नईदुनिया' के माध्यम से समस्याएँ उठाते रहेंगे। नईदुनिया हमेशा उनकी आवाज बुलंद करता रहेगा। -प्रसं

मैं इंदौर के नागरिकों से माफी माँगता हू

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आपका पत्र व नईदुनिया के सुधी पाठक मनीष शर्मा के पत्र की कटिंग प्राप्त हुई। मुझे इस बात का बेहद अफसोस है कि कांग्रेस पार्टी के राजनीतिक कार्यक्रम में हुई अव्यवस्था की वजह से आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ा।

पार्टी के कार्यक्रम में जो भी हुआ, वह न तो इंदौर को, न ही प्रदेश को और न ही मुझे शोभा देता है। कांग्रेस पार्टी के कार्यक्रम की वजह से जिन लोगों को असुविधाओं का सामना करना पड़ा, उनसे मैं पार्टी और निजी तौर पर क्षमा चाहता हूँ।

19 अगस्त को मेरा कार्यक्रम इंदौर संभाग के कांग्रेस नेताओं से मिलने का था। इंदौर प्रवास से कुछ दिन पहले ही युवक कांग्रेस द्वारा आयोजित सद्भावना कार्यक्रम के लिए मुझे जब आमंत्रित किया गया, तब मैंने इसे भी स्वीकार कर लिया। केंद्रीय मंत्री होने के नाते पार्टी के कार्यक्रम में शामिल होना लाजिमी था।

दो कार्यक्रम एक साथ होने की वजह से कार्यकर्ताओं की भीड़ बढ़ गई। दुःख की बात है कि जब मैं रेसीडेंसी पर पहुँचा तो पार्टी कार्यकर्ताओं से मेरी मुलाकात नहीं हो सकी। दो कार्यक्रम एक साथ होने की वजह से अव्यवस्था बढ़ गई।

मैं पार्टी के कार्यक्रम आयोजित करने वाले नेताओं व कार्यकर्ताओं को हमेशा ये निर्देश देता रहा हूँ कि हम ऐसा कोई कदम न उठाएँ, जिससे आम जनता को परेशानी उठाना पड़े। मैं नईदुनिया के पाठक की इस पीड़ा से पूरी तरह परिचित हूँ कि रैलियों व स्वागत की वजह से बीमार और काम पर जाने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

मैं कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं से अनुरोध करना चाहूँगा कि भविष्य में रैलियों का आयोजन इस तरह से किया जाना चाहिए कि सड़कों पर जाम न लगे। कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं को अनुशासित सिपाही के रूप में काम करना चाहिए। हमारी पार्टी का लक्ष्य आम लोगों की तकलीफों को कम करना है।

मैं विश्वास दिलाता हूँ कि भविष्य में होने वाले राजनीतिक कार्यक्रमों में हम ऐसा कोई काम नहीं करेंगे, जिससे आम लोगों को किसी तरह की असुविधा हो।

अंत में मैं 'नईदुनिया' व इसके सुधी पाठकों को धन्यवाद देना चाहता हूँ कि उन्होंने हमारी गलती को रेखांकित कर हमारी मदद की

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