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'मुन्नाभाइयों’ के गिरोह का सरगना डॉ. सागर गिरफ्तार

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, सोमवार, 15 जुलाई 2013 (21:49 IST)
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इंदौर। मध्यप्रदेश के चिकित्सा महाविद्यालयों में प्रवेश के लिए आयोजित प्री-मेडिकल टेस्ट (पीएमटी) में फर्जीवाड़े के अंतरराज्यीय गिरोह के शातिर सरगना डॉ. जगदीश सिंह सागर को पुलिस ने मुंबई से धरदबोचा

पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) विपिन कुमार माहेश्वरी ने संवाददाताओं को बताया कि 42 वर्षीय डॉ. सागर को मुंबई के कमाठीपुरा क्षेत्र के एक होटल से रविवार की रात महाराष्ट्र पुलिस की मदद से गिरफ्तार किया गया। उस वक्त उसने करीब आधा किलोग्राम वजनी स्वर्णाभूषण पहन रखे थे।

उन्होंने बताया कि सागर के गिरोह के 20 सदस्यों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। माहेश्वरी के मुताबिक सागर खासकर उत्तरप्रदेश के युवकों को 50,000 रुपए से एक लाख रुपए का लालच देकर उन्हें दूसरे उम्मीदवारों के नाम से मेडिकल प्रवेश परीक्षा में बैठाता था।

आईजी ने बताया कि सागर कम से कम तीन साल से ‘मुन्नाभाइयों’ का गिरोह चला रहा था। वह इंदौर के एक निजी चिकित्सा विद्यालय में बतौर शिक्षक काम कर चुका है।

उन्होंने बताया कि ‘मुन्नाभाइयों’ का अंतरराज्यीय गिरोह किसी विद्यार्थी को मध्यप्रदेश के चिकित्सा महाविद्यालयों में दाखिला दिलाने के नाम पर उसके परिजन से 20 लाख रुपए तक वसूलता था। यह गिरोह पीएमटी में अलग-अलग तरह से फर्जीवाड़ा करके विद्यार्थियों को चिकित्सा महाविद्यालयों में प्रवेश दिलवाता था।

आईजी ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद सागर को आज एक स्थानीय अदालत में पेश किया, जिसने उसे सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। उन्होंने बताया कि सागर से अलग-अलग पहलुओं पर कड़ाई से पूछताछ की जा रही है, जिससे मामले में अहम खुलासों और गिरफ्तारियों की संभावना है।

इस बीच पुलिस सूत्रों ने बताया कि सागर मुंबई से भागकर पश्चिम बंगाल या पूर्वोत्तर के किसी राज्य में छिपने की फिराक में था। वह वकीलों से संपर्क करके अदालत में अग्रिम जमानत की याचिका दायर करने की तैयारी भी कर रहा था। सूत्रों के मुताबिक सागर ने फर्जीवाड़े के जरिए बड़ी संपत्ति बनाई, जिसमें मर्सिडीज कार शामिल है। इस सिलसिले में पुलिस की विस्तृत जांच जारी है।

यह भी पता चला है कि यह शातिर गोहद में एक बैंक खोलना चाहता था। इसके लिए उसने मालनपुर के पास गोहद गांव में 2 बीघा जमीन भी खरीदी थी। वह इस जमीन पर एक आलीशान बिल्डिंग बनवा रहा था, जिसमें उसका एक बैंक खोलने का प्लान था।

इंदौर पुलिस ने रविवार को होटल सयाजी की पार्किंग में 8 दिनों से खड़ी डॉ. सागर की एक फार्च्युनर कार (एमपी-09-एमपी 0707) भी बरामद करने में सफलता पाई। सागर सयाजी होटल का मेंबर है और जिस दिन उसके मुन्नाभाइयों को इंदौर की अलग-अलग होटल में पकड़ा था, तब 6 जुलाई की उसी रात वह अपने घर से भागकर पत्नी और 2 बच्चों समेत सयाजी होटल में जा छुपा था।

सुबह उसने अखबारों में खबरें पढ़ीं और परिवार समेत एक अन्य वाहन से फरार हो गया। तभी से पुलिस उसके कई ठिकानों पर छापे मार रही थी। डॉ. सागर का इंदौर की ही गुलाबबाग कॉलोनी में एक 2 मंजिला आलीशान मकान भी है।

सयाजी होटल में वह अक्‍सर दोस्तों और परिवार के साथ छुट्‍टियां बिताने आता था। सागर के बच्चे डेली कॉलेज में पढ़ते थे। सागर बच्चों को हजारों रुपए पॉकेटमनी देता था। डेली कॉलेज के ड्रायवर की मानें तो सागर के बच्चे कभी-कभी टिप में उन्हें 500 का नोट देते थे। (भाषा/वेबदुनिया)

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