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लखनऊ रेप कांड : नहीं मिला सीबीआई जांच का पत्र

हमें फॉलो करें लखनऊ रेप कांड : नहीं मिला सीबीआई जांच का पत्र
लखनऊ , शुक्रवार, 25 जुलाई 2014 (00:16 IST)
लखनऊ। मोहनलालगंज कांड मामले के अभियुक्त को दो दिन तक रिमांड पर रखने के बावजूद लखनऊ पुलिस के हाथ खाली हैं। वह न तो मृतका का मोबाइल फोन बरामद कर सकी है और न ही वह सिमकार्ड जो कथित रूप से आरोपी ने महिला को फोन करने के लिए इस्तेमाल किया था।
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इस बीच, राज्य पुलिस ने परिजन की तरफ से प्रकरण की सीबीआई जांच कराने सम्बन्धी कोई पत्र मिलने से इनकार किया है। उधर, राज्य सरकार द्वारा गठित उच्चस्तरीय समिति ने मृतका की पोस्टमार्टम रिपोर्ट की जांच शुरू कर दी है।

पुलिस महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) अमरेन्द्र सिंह सेंगर ने बताया कि कांड के आरोपी रामसेवक यादव की रिमांड अवधि गुरुवार को पूर्वाहन नौ बजे खत्म हो गई। पुलिस न तो महिला के मोबाइल फोन का कोई सुराग लगा सकी और न ही आरोपी के उस सिमकार्ड का जिसका इस्तेमाल उसने महिला से बातचीत के लिए किया था।

परिवार द्वारा मामले की सीबीआई जांच की मांग के सिलसिले में पत्र को पंजीकृत डाक द्वारा भेजे जाने के बारे में पूछने पर सेंगर तथा गृह सचिव कमल सक्सेना ने कहा कि वह पत्र अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है।

इस बीच, राज्य सरकार द्वारा गठित उच्चस्तरीय समिति ने एक गुर्दा अपने पति को दान किए जाने के बावजूद मृतक महिला के दोनों गुर्दे सलामत होने सम्बन्धी पोस्टमार्टम रिपोर्ट की जांच शुरू कर दी है।

समिति के सदस्य स्वास्थ्य महानिदेशक एएस राठौर ने बताया कि उन्होंने जांच शुरू कर दी है और संजय गांधी परास्नातक आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) ने गुर्दा दान तथा प्रतिरोपण सम्बन्धी सभी दस्तावेज तथा वीडियो फुटेज उन्हें सौंप दी है।

उन्होंने बताया कि वह समिति के एक अन्य सदस्य महानिदेशक (चिकित्सा शिक्षा) केके गुप्ता के साथ बैठकर दस्तावेजों और वीडियो को खंगालेंगे। उधर, मोहनलालगंज कांड की शिकार हुई महिला के पिता ने फोन पर बताया कि वह और उनके रिश्तेदार कल अनाथ हुए बच्चों को लेकर मुख्यमंत्री के आवास का घेराव करेंगे।

पीड़ित पिता ने कहा कि सरकार इस जघन्य वारदात की सीबीआई से जांच कराए। सरकार अनाथ बच्चों को मात्र पांच-पांच लाख रुपए देकर पल्ला झाड़ रही है, जबकि अभी उनके सामने सारी जिंदगी पड़ी है। उनके पिता के गुर्दा प्रतिरोपण के लिए जमीन तक बेचनी पड़ी थी। बच्चों का पालन-पोषण और शादी भी करनी है और परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। महिला के पिता ने कहा कि बच्चों के पालन-पोषण तथा अन्य जरूरतें पूरी करने के लिए कम से कम 25 लाख रुपए की जरूरत है।

मृतका के देवर ने इस मामले में जांच अधिकारियों द्वारा पल्ला झाड़े जाने पर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए आरोप लगाया है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में महिला के दो गुर्दे होने की बात सामने आने पर यह साबित हो गया है कि दाल में कुछ काला जरूर है।

उन्होंने बताया कि वह कल केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को भी ई-मेल भेजकर प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग कर चुके हैं। पीड़ित परिवार के सदस्य ने लखनऊ के पुलिस उपमहानिरीक्षक नवनीत सिकेरा तथा अपर पुलिस महानिदेशक सुतापा सान्याल पर मामले की जांच से पल्ला झाड़ने का आरोप लगाते हुए उनसे जवाब-तलब किए जाने की मांग की है।

इस बीच, वारदात की शिकार महिला के अनाथ बच्चों को गोद लेने की पेशकश की गई है। लखनऊ के मनकामेश्वर मठ मंदिर की महन्त देव्या गिरि ने आज देवरिया जाकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की और दोनों बच्चों को गोद लेने का प्रस्ताव रखा।

देव्या ने बताया कि परिवार ने उनसे प्रस्ताव पर विचार करने के लिए समय मांगा है। महन्त के मुताबिक उन्होंने परिवार से बच्चों की शिक्षा तथा पालन-पोषण में मदद की घोषणा भी की है लेकिन उनकी ख्वाहिश है कि उन्हें बच्चों को गोद लेने दिया जाए। (भाषा)

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