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कश्मीर में लगातार जारी हिंसा में 88 लोगों की मौत

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सुरेश डुग्गर

श्रीनगर , शुक्रवार, 16 सितम्बर 2016 (18:36 IST)
श्रीनगर। हिजबुल कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से कश्मीर घाटी में हिंसा लगातार जारी है। शुक्रवार को एक और घायल ने श्रीनगर में दम तोड़ दिया। इसके साथ ही मरने वालों का आंकड़ा 88 हो गया है जबकि आज (शुक्रवार को) कश्मीर में बंद, हड़ताल और कर्फ्यू का 70वां दिन था।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक पुलवामा में 5 सितंबर को बसित मुख्तार नाम का एक युवक घायल हो गया था। गंभीर अवस्था में उसे श्रीनगर में भर्ती करवाया गया, जहां शुक्रवार को इलाज के दौरान बसित ने दम तोड़ दिया। इसके साथ ही हिंसा में मरने वालों की संख्या 88 हो गई है, वहीं दूसरी ओर पूरी घाटी में शुक्रवार को हिंसक प्रदर्शनों का दौर जारी रहा। प्रशासन ने सभी हिंसाग्रस्त इलाकों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। इसके साथ ही सुरक्षाबलों को उपद्रवियों से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए गए थे। इस बीच कई इलाकों से पथराव की खबरें भी आई थीं।
 
दरअसल, जुम्मे का दिन श्रीनगर समेत पूरी घाटी में अत्यधिक संवेदनशील होता है। नमाजी नमाज अदा करने के बाद पत्थर बरसाने में मशगूल रहते हैं। वैसे ही पूरी घाटी में हिंसा का माहौल है और आज के दिन किसी भी तरह के बड़े बवाल को रोकने के लिए सरकार ने फिर से कर्फ्यू लागू कर दिया था। 
 
श्रीनगर शहर के साथ-साथ बारामूला, पट्टन, अनंतनाग, शोपियां और पुलवामा में भी प्रतिबंध लागू किए गए थे। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार ऐसा कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए किया गया था। लोगों के जमा होने पर भी प्रतिबंध लागू किए गए थे, वहीं आज 70वें दिन भी कश्मीर घाटी में आम जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा। अलगाववादियों ने हड़ताल को 22 सितंबर तक बढ़ा दिया है। लोगों को घरों में रहने के लिए विवश होना पड़ रहा है। घाटी में दुकानें, स्कूल, बैंक और ऑफिस बंद हैं।
 
इस बीच सप्लाई लेकर कश्मीर जाने वाले टैंकर चालकों के लिए कश्मीर घाटी में मुसीबतें कम नहीं हो रही हैं। घाटी में पेट्रोल और डीजल की सप्लाई करने के लिए टैंकर चालकों की मनाही के पीछे सुरक्षा एक बड़ा कारण है। 
 
गुरुवार को घाटी से लौटे एक तेल टैंकर पर उपद्रवियों ने हरे रंग से 'गो इंडिया, गो बैक' लिखा था। हालांकि एसोसिएशन ने कश्मीर के लिए जारी अपनी हड़ताल टाल दी है और घाटी के लिए तेल आपूर्ति को जारी रखा है, पर टैंकर चालकों में डर व्याप्त है।
 
एसोसिएशन के अनुसार जिस टैंकर पर 'गो इंडिया, गो बैक' लिखा है, उसका चालक काफी डरा हुआ है। एसोसिएशन का आरोप है कि सरकार की तरफ से उन्हें सुरक्षा नहीं दी जा रही है।


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