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छात्रा को भारी पड़ा हाथों में मेहंदी लगाना

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, गुरुवार, 3 सितम्बर 2015 (14:11 IST)
राखी और मेहंदी लगाकर स्कूल पहुंची तो मिली रूह कंपाने वाली सजा

कानपुर (उत्तरप्रदेश)। हिन्दू धर्म में रक्षाबंधन पर मेहंदी लगाने की परंपरा है, लेकिन यही रिवाज फतेहपुर के मिशनरी स्कूल की छात्राओं को काफी महंगा पड़ा रक्षाबंधन के बाद हाथों में मेहंदी लगाकर पहुंची कुछ छात्राओं को स्कूल प्रशासन ने सजा के तौर पर धूप में खड़ा कर दिया। जब स्‍कूल प्रशासन का इतने से भी मन नहीं भरा तो उसने छात्राओं के हाथ की राखियां काटकर फेंक दी और हाथ में लगी मेहंदी को पत्थर से घिसकर मिटाया गया

अपने बच्चों को मिशनरी स्कूल में डालने वाले माता-पिता के लिए यह खबर एक सबक साबित हो सकती है। देश के अधिकतर मिशनरी स्कूलों में बच्चों को भारतीय संस्कृति के प्रति घृणा सिखाई जाती रही है।

ताजा मामला फतेहपुर के एक मिशनरी स्कूल का है।  इस स्कूल पर आरोप है कि उसने मेहंदी लगाकर स्कूल पहुंचीं लड़कियों को धूप में खड़ा रखा। पत्थरों से रगड़कर हाथ की मेहंदी छुड़वाई और राखियां काटकर फेंक दीं। 
 
मंगलवार को छुट्टी के बाद घर पहुंचीं लड़कियों ने अपने अभिभावकों को कहानी बताई तो उन्होंने स्कूल में आकर इसका निरोध किया। इस विरोध के बाद मौके पर आई पुलिस ने नाराज लोगों को शांत किया। अभिभावकों ने स्कूल के खिलाफ सदर कोतवाली में तहरीर दी है। जांच अधिकारी मोहम्मद सगीर के अनुसार, जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।
 
रक्षाबंधन की छुट्टी के बाद जीटी रोड स्थित सेंट मेरीज कॉन्वेंट स्कूल सोमवार को खुला था। असेंबली के दौरान प्रिंसिपल ने कुछ छात्राओं को हाथों में लगी मेहंदी छुड़ाकर आने को कहा था। आरोप है कि मंगलवार सुबह फिर असेंबली हुई तो प्रिंसिपल सिस्टर सरिता ने क्लास-9 की एक छात्रा को बुलाया और उसके हाथ पर पानी डालकर उसे पत्थरों से रगड़वाया। इससे उसके हाथ से रक्तस्त्राव होने लगा।
 
कुछ और लड़कियों के हाथ में बंधी राखी कटवाकर कूड़ेदान में डाल दी। उन्हें इसके लिए घंटों धूप में खड़ा रखा गया। छुट्टी के बाद सुबकती छात्राएं घर पहुंचीं और अभिभावकों को पूरा हाल बताया। 
 
अभिभावकों को जब यह पता चला तो उन्होंने हंगामा खड़ा कर दिया। उनका आरोप था कि स्कूल जानबूझकर धार्मिक भावनाएं आहत कर रहा है। विरोध बढ़ा तो प्रिंसिपल ने खुद को अपने घर में कैद कर लिया। इसके बाद पुलिस ने लोगों को समझाकर बवाल शांत किया।
 
दूसरी तरफ स्कूल की संचालक संस्था सेंट मैरीज कैथोलिक मिशनरी, वाराणसी ने पूरे केस की जांच कराने की बात कही है। वहीं स्कूल प्रिंसिपल सिस्टर सरिता का कहना है, ‘स्कूल में कोई भी धार्मिक चिह्न लेकर या लगाकर आना सख्त मना है। इसके बावजूद लड़कियां मेहंदी लगाकर क्यों आई? प्रॉस्पेक्टस में भी ऐसा लिखा है।’

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