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भारत 51वें एपीसीसी सत्र मेजबानी करेगा

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, सोमवार, 8 दिसंबर 2014 (18:10 IST)
कोच्चि। भारत में एशियन और पेसेफिक कोकनट कम्युनिटी (एपीसीसी) के 51वें सत्र का आयोजन अगले वर्ष 2 से 5 फरवरी तक किया जाएगा। भारत एपीसीसी के संस्थापक सदस्यों में से एक है और साथ ही एपीसीसी की वर्तमान अध्यक्षता भी कर रहा है। यह प्रचार अधिकारी मिनी मैथ्यु ने दी। 
 
उन्होंने बताया कि एशियन और पेसेफिक कोकनट कम्यूनिटी (एपीसीसी) एक अंतर-सरकारी संगठन है, जिसका एशिया और पेसेफिक के लिए संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक आयोग (यूएन-ईएससीएपी) के तत्वावधान में 1969 में गठन हुआ। 
 
एपीसीसी के 18 नारियल उत्पादक सदस्य देशों में फेडरेल स्टेट्स ऑफ माइक्रोनेशिया, फिजी, भारत, इंडोनेशिया, किरिबाती, मलेशिया, मार्शल द्वीप, न्यू गिनी, फिलीपींस, समोआ, सोलोमन द्वीप, श्रीलंका, थाईलैंड, टोंगा, वानुअतु और वियतनाम तथा एसोसिएट सदस्यों के रूप में जमैका और केन्या शामिल हैं। विश्व के नारियल उत्पादन और नारियल उत्पादों के निर्यात में 90 प्रतिशत एपीसीसी के सदस्य देशों का योगदान है।
 
इस उच्च स्तरीय बैठक में सभी 18 सदस्य देशों से मंत्री अथवा उनके प्रतिनिधि भाग लेंगे और इस में वैश्विक नारियल स्थिति की समीक्षा होगी और नारियल क्षेत्र के विकास के लिए उपयुक्त नीतिगत निर्णय विकसित करने के लिए नारियल की खेती, प्रसंस्करण, विपणन और व्यापार के विशिष्ट मुद्दों पर विचार-विमर्श होगा। 
 
विविध देशों के आलेख प्रस्तुतीकरण और विश्व भर के नारियल क्षेत्र के महत्वपूर्ण विकासों के बारे में विचार-विमर्श के साथ-साथ एपीसीसी के तत्वावधान में नारियल के लिए एक उत्कृष्ट अंतर्राष्ट्रीय केंद्र की स्थापना के लिए संभावनाओं का पता लगाने तथा अंतरराष्ट्रीय नारियल समूह के गठन के बारे में राष्ट्रों की सर्वसम्मति का अनुमान लगाने हेतु नारियल की खेती की जाने वाले 20 गैर सदस्य राष्ट्रों के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया गया है। 
 
संयुक्त राष्ट्र के पर्यवेक्षक और अन्य अंतरराष्ट्रीय सहयोगी संगठन भी इस उच्च स्तरीय बैठक में भाग लेंगे। यह भी उम्मीद है कि सदस्य राष्ट्रों के बीच नारियल और नारियल उत्पादों के व्यापार के विकास पर इस सत्र का अत्यधिक प्रभाव पड़ेगा।
 

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