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दिल्ली की सबसे बड़ी लूट की पूरी कहानी, परेशान हो लूटी कैश वैन

हमें फॉलो करें दिल्ली की सबसे बड़ी लूट की पूरी कहानी, परेशान हो लूटी कैश वैन
, शुक्रवार, 27 नवंबर 2015 (17:19 IST)
दिल्ली में 22.5 करोड़ से भरी लूट की सनसनीखेज वारदात का पर्दाफाश तो हो गया लेकिन उत्तर भारत की इस सबसे बड़ी लूट के लुटेरे की कहानी पढ़कर चौंक जाएंगे आप। दरअसल इस पूरे मामले में कई बातें सामने आई है। जैसे यह उस लुटेरे की पहली वारदात नहीं थी। लुटेरे प्रदीप की आर्थिक स्थिति भी खस्ताहाल थी। उससे अधिक काम कराए जाने की बात भी सामने आई है लेकिन इसकी शिकायत करने के बजाए प्रदीप ने एक खतरनाक प्लान बनाया। जानिए इस महा-लूट की पूरी कहानी.. 
 

पुलिस ने बीती देर रात ही उसे दिल्ली के ओखला से गिरफ्तार किया था। बैंक की कैश वैन चलाने वाले प्रदीप ने लूट की इस सबसे बड़ी वारदात को अकेले ही अंजाम दिया था। उसने खुद ही सारा प्लान बनाया और पैसे को गोदाम में छिपाकर आया। वह अकेले ही इस पैसे को लेकर भाग जाना चाहता था। इस घटना में अभी तक किसी और के शामिल होने की बात सामने नहीं आई है। 
 
बताया जाता है कि एटीएम कैश वैन से साढ़े 22 करोड़ रुपये लूटने वाला ड्राइवर प्रदीप शुक्ला अपने काम से खुश नहीं था। वह कम सैलरी और अपने ड्यूटी टाइम से परेशान चल रहा था। कैश वैन को लेकर भागने वाला प्रदीप शुक्ला मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बलिया जिले का रहने वाला है। वह दिल्ली में आकर एक बैंक में कैश वैन चलाने का काम करने लगा था और फिलहाल वह अपने परिवार के साथ साउथ दिल्ली के हरकेश नगर में रहता है।

पहले भी वैन लेकर भागा था प्रदीप : पुलिस सूत्रों की माने तो आरोपी ड्राइवर एक बार पहले भी कैश वैन लेकर भाग चुका है। लेकिन तब वह वैन लेकर कंपनी वापस पहुंच गया था, यह मामला कुछ माह पहले जीके-1 के जमरूदपुर का है। झगड़े के बाद वैन के गनमैन ने एक आदमी को गोली मार दी थी और वैन का ड्राइवर वैन लेकर भाग गया था। वह ड्राइवर प्रदीप शुक्ला ही था लेकिन तब वह वैन को सुरक्षित लेकर कंपनी पहुंच गया था। इस बार उसकी नीयत खराब हो गई और वह वापिस नहीं आया। 
 
कैसे हुई वारदात : बैंक की कैश वैन का गनमैन विनय पटेल और आरोपी प्रदीप दोनों वैन लेकर दक्षिणी दिल्ली के गोविंदपुरी मेट्रो स्टेशन की तरफ एटीएम में पैसा डालने आए थे। इसी दौरान गनमैन विनय ने कहा कि उसे टॉयलेट जाना है। प्रदीप ने गनमैन को ओखला सब्जी मंडी के पास उतार दिया और वैन लेकर आगे बढ़ गया। गनमैन ने उसे तुरंत फोन लगाया तो प्रदीप ने उसे कहा कि ट्रॉफिक ज्यादा है इसलिए वो आगे जा रहा है और वह वैन लेकर फरार हो गया।
 
कहां छुपाई रकम : प्रदीप वहां से वैन लेकर ओखला मंडी के पास ही पुराने मर्सीडीज शोरूम के पीछे एक गोदाम में पहुंचा। वहां मौजूद बुजुर्ग चौकीदार राम सूरत को उसने कहा कि कुछ सामान रखना है, सुबह ले जाऊंगा। चौकीदार ने हामी भर दी और प्रदीप ने रूपये से भरे बक्से वहीं गोदाम में छिपा दिए। 
 
लूट के माल से  निकल पड़े शॉपिंग करने

बनाई पूरी योजना और निकल पड़े शॉपिंग करने : एटीएम कैश वैन से रकम निकालकर छिपाने के बाद प्रदीप वैन लेकर वापस गोविंदपुरी मेट्रो स्टेशन पर पहुंचा और वहां वैन छोड़कर निकल गया। उसके फौरन बाद वह वापस गोदाम की तरफ चला गया. इस दौरान गनमैन ने इस बारे में बैंक और सुरक्षा कंपनी को सूचना दे दी थी। ड्राइवर प्रदीप शुक्ला वैन को मेट्रो स्टेशन के पास छोड़कर वापस गोदाम की तरफ आया। उसने वहां छिपाई रकम से 11 हजाप रुपये निकाले और बाज़ार जाकर उसने अपने लिए एक घड़ी और नए कपड़े खरीदे। शॉपिंग करने के बाद प्रदीप वापस गोदाम की तरफ आ गया और उसी गोदाम में सो गया जहां उसने पैसा छिपाया था। 
 
कैसे पकड़ा पुलिस ने: पुलिस इस लूट की वारदात को लेकर पूरी तरह हरकत में आ चुकी थी। पुलिस ने गोविंदपुरी मेट्रो स्टेशन के पास से कैन वैन भी बरामद कर ली थी। वैन में जीपीएस लगा था जिससे पुलिस को पता चल गया था कि वैन कहां कहां गई। लिहाजा पुलिस ने ओखला सब्जी मंडी और आस पास के इलाकों में छानबीन शुरु की और देर रात गोदाम पर छापा मार कर प्रदीप को गिरफ्तार कर लूट की रकम भी वहां से बरामद हुई। 
 
चौकीदार की भूमिका : पुलिस ने जिस गोदाम से प्रदीप को गिरफ्तार कर पैसा बरामद किया उसके बुजुर्ग चौकीदार राम सूरत से भी पूछताछ की गई. लेकिन अभी तक पुलिस को उस चौकीदार के इस वारदात में शामिल होने का कोई सुराग नहीं मिला है. 
 
बैंक की भूमिका भी है संदिग्ध: बैंक रिकार्ड के मुताबिक 2 बजकर 30 मिनट पर वैन विकासपुरी से चली थी। वैन में ड्राइवर प्रदीप शुक्ला और गनमैन विनय पटेल सवार थे। दस्तावेजों में दर्ज रिकार्ड के मुताबिक वैन में दस करोड़ रूपये थे लेकिन हकीकत में साढ़े 22 करोड़ रूपया वैन में मौजूद था। 

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