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गुजरात हाईकोर्ट ने दी पुलिस को पूरी छूट

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, शनिवार, 29 अगस्त 2015 (22:04 IST)
अहमदाबाद। पटेल आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में मारे गए श्‍वेतांक पटेल की शवयात्रा में गुजरात में भारी भीड़ जुटने के चलते गुजरात पुलिस ने कोर्ट से अपील की थी कि कोई ऐसा उपाय हो जिससे भीड़ कम की जा सके। इस पर गुजरात हाईकोर्ट ने गुजरात पुलिस से कहा है कि जोभी जरूरी कदम हो वह उठाए जाए। कोर्ट ने श्वेतांक मामले में जिन 9 पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज उन्हें अहमदाबाद से बाहर स्थानांतरितक करने के भी आदेश दिए हैं।
हालांकि गुजरात उच्च न्यायालय से सीआईडी जांच के आदेश जारी होने के बाद दो निरीक्षक और एक उपनिरीक्षक समेत नौ पुलिसकर्मियों पर पटेल आरक्षण आंदोलन के दौरान 32 वर्षीय एक व्यक्ति की कथित रूप से हिरासत में मौत को लेकर मामला दर्ज किया गया है।
 
ओबीसी आरक्षण के तहत पटेलों को आरक्षण देने की मांग के समर्थन में उनके आंदोलन की अगुवाई कर रहे हार्दिक पटेल ने आज कहा कि वह कथित रूप से हिरासत में मर गए श्वेतांग पटेल के अंतिम संस्कार में कल शामिल हो सकते हैं और चेतावनी दी कि यदि कुछ हुआ तो सरकार जिम्मेदार होगी। 
 
सरकार चाहती है कि अंत्येष्टि में भीड़ सीमित हो व हाईकोर्ट में अर्जी लगाई जिसपर शनिवार रात तक सुनवाई बाद कोर्ट ने कहा, अंत्येष्टि के दौरान सरकार सुरक्षा व शांति के लिए सारे इंतजामात करे, साथ ही जिन 9 पुलिसकर्मियों के नाम एफआईआर में हैं उन्हें अहमदाबाद से बाहर स्थानांतरित करे। सहायक पुलिस आयुक्त केडी पांड्या ने कहा कि बापूनगर के पुलिस निरीक्षक पी डी परमार और आरआर वसावा उन नौ पुलिसकर्मियों में शामिल हैं, जिन पर श्वेतांक पटेल की मृत्यु के सिलसिले में मामला दर्ज किया गया है। 
 
पांड्या ने कहा, हमने श्वेतांग मौत के मामले में कल देर रात बापूनगर के दो पुलिस निरीक्षकों, एक डी स्टाफ पीएसआई और डी स्टाफ के छह अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। हालांकि श्वेतांग के परिवार के वकील बीएम मांगुकिया ने दावा किया कि प्राथमिकी में हिरासत में कथित रूप से मौत के लिए जिम्मेदार सभी पुलिस अधिकारियों के नाम नहीं हैं। मांगुकिया ने कहा हमने मांग की थी कि उन सभी लोगों के नाम शामिल हो, जो इस घटना के लिए जिम्मेदार हैं, लेकिन उन्होंने हमारी कहा के अनुसार प्राथमिकी दर्ज नहीं की और एसीपी समेत कई शीर्ष पुलिस अधिकारियों को छोड दिया। (एजेंसी)

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