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मंत्री से बहस का परिणाम, आईपीएस का तबादला

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चंडीगढ़ , शनिवार, 28 नवंबर 2015 (18:58 IST)
चंडीगढ़। हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के साथ कहासुनी के बाद फतेहाबाद जिले की पुलिस अधीक्षक संगीता कालिया का शनिवार को स्थानांतरण करने की घोषणा की गई। इसको लेकर विज के खिलाफ विपक्ष ने और सोशल मीडिया पर लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
जिला शिकायत एवं जनसंपर्क समिति की बैठक में बहस के बाद वहां से चले जाने के उनके आदेश का पुलिस अधिकारी के पालन नहीं करने के बाद मंत्री गुरुवार को बैठक से बाहर चले गए थे। उनके बीच कहा-सुनी का वीडियो सोशल मीडिया पर वाइरल हो गया। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि सरकार ने कालिया का फतेहाबाद के पुलिस अधीक्षक पद से तबादला करने का फैसला किया है। औपचारिक आदेश शीघ्र जारी किए जाएंगे।
 
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने करनाल में कहा कि उन्होंने मामले का संज्ञान लिया है और इससे उचित तरीके से निपटा जाएगा। इस घटना को लेकर विभिन्न हलकों से तीखी प्रतिक्रिया आई है। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पीएल पूनिया ने मंत्री को बख्रास्त करने की मांग की। 
 
विपक्ष ने महिला अधिकारी पर विज द्वारा की गई टिप्पणी के लिए उनकी आलोचना की है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्रसिंह हुड्डा ने कहा कि मंत्री को महिला अधिकारी के साथ बातचीत करने के दौरान शिष्टाचार का पालन करना चाहिए और उन्होंने महिला पुलिस अधिकारी के खिलाफ उनके बर्ताव की निंदा की। गौरतलब है कि विज अपनी मुखर प्रकृति के लिए जाने जाते हैं और अपनी सरकार से भी भिड़ने के लिए जाने जाते हैं। उन्हें ड्रग माफिया और शराब माफिया के सक्रिय होने के बारे में शिकायतें मिल रही थीं।
 
उन्होंने कहा कि कल, एक एनजीओ ने पुलिस से शिकायत की लेकिन वे (कालिया) एनजीओ पर ही बरस पड़ीं। उन्होंने कहा कि आप मंत्री से क्यों शिकायत कर रहे हैं जो अपने आप दर्शाता है कि वे सहयोग नहीं कर रही थीं। इसके बाद अपने ट्वीट में विज ने कहा कि वे कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हैं और प्रशासन के उदासीन रवैए की वजह से पीड़ित लोगों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए बलिदान भी देने को तैयार हैं।
 
उन्होंने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री से बातचीत की है। मैं एक बात साफ करना चाहता हूं कि मैं उन अधिकारियों के खिलाफ लड़ाई जारी रखूंगा जो काम नहीं करते हैं। इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली है और कई लोगों ने कालिया का समर्थन किया है। लोगों ने कहा कि मंत्री को संयम बरतना चाहिए था। एक अन्य ट्वीट में मंत्री ने कहा कि मैं कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हूं और प्रशासन के हाथों उत्पीड़न का शिकार होने वाले लोगों के लिए न्याय हासिल करने के लिए कोई भी कुर्बानी देने को तैयार हूं।’’ विज की उनके ट्वीट के लिए सोशल मीडिया पर लोगों ने कड़ी आलोचना की है।
 
एक ट्वीट में कहा गया है कि फतेहाबाद की पुलिस अधीक्षक ईमानदार अधिकारी हैं, जो उनके संज्ञान में आने वाले किसी भी अवैध कार्य को रोकती हैं। आपको (विज) गलत लोग दिग्भ्रमित कर रहे हैं। आप जैसे नेता से मुझे यह उम्मीद नहीं थी। उस व्यक्ति ने अपने ट्वीट में कहा कि वे ईमानदारी से काम कर रही हैं और उनके कार्यकाल के दौरान अपराध का ग्राफ नीचे आया है। एक अन्य ट्वीट में मंत्री को याद दिलाया गया कि वह ‘संवैधानिक पद’ धारण करते हैं।
 
उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि आपको ऐसा नहीं बोलना चाहिए था (एसपी से बाहर जाने को)।’’ विज और कालिया के बीच टकराव जिला शिकायत एवं जनसंपर्क कमेटी की कल फतेहाबाद में बैठक के दौरान हुआ था। बैठक में मंत्री ने कालिया से गांवों में अवैध तरीके से शराब की बिक्री से संबंधित शिकायत के बारे में पूछा था। बैठक में उपायुक्त एन के सोलंकी भी मौजूद थे।
 
विज ने पुलिस अधीक्षक से पूछा कि गांवों में खुली विभिन्न शराब की दुकानों के संबंध में पुलिस क्या कर रही है। अधिकारी ने इस संबंध में पुलिस की जिम्मेदारियों को स्पष्ट करते हुए उल्लेख किया कि पिछले 10 महीनों में उत्पाद शुल्क अधिनियम के तहत 2500 मामले दर्ज किए गए हैं जो रिकॉर्ड है। मंत्री हालांकि पुलिस अधीक्षक के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए।
 
दोनों के बीच कहासुनी होती रही और गुस्से में मंत्री ने पुलिस अधीक्षक से बैठक से बाहर चले जाने को कहा। महिला अधिकारी ने हालांकि बैठक से जाने से मना कर दिया क्योंकि उसने महसूस किया कि वह गलत नहीं है और उसने मंत्री के तरीके पर भी आपत्ति जताई। मंत्री उसके बाद बैठक से चले गए। भाजपा के सारे कार्यकर्ता और समिति के सदस्य भी उसके बाद बाहर चले गए।
 
अधिकारी ने घटना पर टिप्पणी करने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि सबकुछ मीडिया के सामने हुआ और वह मामले में और कुछ नहीं जोड़ना चाहेंगी। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि मंत्री ने अशिष्ट तरीके से बर्ताव किया। आप महिला के साथ इस तरीके से बर्ताव नहीं कर सकते भले ही वह अधिकारी हो या नहीं हो। कुछ शिष्टाचार का पालन होना चाहिए।
 
पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह भाजपा के अहंकार को दर्शाता है। यह तब तक जारी रहेगा जब तक कि इस तरह की चीजों को खत्म नहीं किया जाता। पार्टी के एक अन्य नेता शकील अहमद ने कहा कि यह बिना जांच के सजा है। हरियाणा सरकार ने ब्योरा हासिल किए बिना और बिना किसी जांच के पुलिस अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। (भाषा)

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