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अजमल के बयान पर हिमंत सरमा का पलटवार, बोले- मां के गर्भ को खेत की तरह नहीं देखा जा सकता

हमें फॉलो करें अजमल के बयान पर हिमंत सरमा का पलटवार, बोले- मां के गर्भ को खेत की तरह नहीं देखा जा सकता
, मंगलवार, 6 दिसंबर 2022 (00:31 IST)
गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने एआईयूडीएफ सांसद बदरुद्दीन अजमल के महिलाओं तथा हिन्दू समाज पर 3 दिन पहले दिए बयान को लेकर सोमवार को उन पर निशाना साधा और कहा कि किसी मां की कोख को खेत की तरह नहीं देखा जा सकता। सरमा ने मुस्लिम महिलाओं को दिए संदेश में कहा कि परिवार को 2 बच्चों तक सीमित रखें ताकि उन्हें अच्छी शिक्षा दे सकें।
 
सरमा ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को अजमल जैसे लोगों के बयानों से प्रभावित नहीं होना चाहिए, जो उनसे अधिक बच्चे पैदा करने को कहते हैं। मुख्यमंत्री ने मुस्लिम महिलाओं को दिए संदेश में कहा कि परिवार को 2 बच्चों तक सीमित रखें ताकि उन्हें अच्छी शिक्षा दे सकें।
 
सरमा ने बोंगईगांव में एक जनसभा को संबोधित करते हुए अजमल की टिप्पणियों पर पलटवार किया। यह क्षेत्र धुबरी के पास है, जहां से अजमल लोकसभा में प्रतिनिधित्व करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को, खासकर मुस्लिम महिलाओं को ऐसे लोगों के बयानों से प्रभावित नहीं होना चाहिए जिन्हें वोट के लिए उनकी जरूरत है। मुझे आपका वोट नहीं चाहिए, लेकिन अजमल की बात मत सुनिए। 2 से अधिक बच्चे नहीं होने चाहिए ताकि आप उन्हें पढ़ा-लिखाकर बढ़ा करें और उच्च स्तर का खिलाड़ी, डॉक्टर और इंजीनियर बना सकें।
 
एआईयूडीएफ अध्यक्ष अजमल ने शुक्रवार को एक मीडिया संस्थान को दिए साक्षात्कार में महिलाओं तथा हिन्दुओं के साथ ही सरमा के खिलाफ भी टिप्पणी की थी। उनकी इस टिप्पणी को लव जिहाद पर मुख्यमंत्री के बयान का जवाब माना जा रहा है। खबर के अनुसार अजमल ने हिन्दुओं को कम उम्र में शादी की सलाह दी थी ताकि मुसलमानों की तरह अधिक बच्चे पैदा करें।
 
अजमल की इस टिप्पणी की निंदा होने और पूरे राज्य में कई जगहों पर इसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज होने के बाद सांसद ने अगले दिन माफी मांगी और कहा कि वे अपने बयान से उठे विवाद को लेकर शर्मिंदा हैं और उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया, क्योंकि उन्होंने किसी समुदाय पर निशाना नहीं साधा था।
 
बोंगईगांव के कार्यक्रम में विभिन्न जिलों के लिए 'विकास का एक पखवाड़ा' योजना का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अजमल जैसे लोग सोचते हैं कि बोंगईगांव और धुबरी जैसे असम के निचले इलाकों में शिक्षा तथा विकास नहीं पहुंचेंगे और वे इन इलाकों की महिलाओं को ऐसा जता रहे हैं, जैसे वे बच्चे पैदा करने की फैक्टरी हैं।
 
सरमा ने कहा कि अजमल कहते हैं कि उपजाऊ जमीन पर बीज बोए जाने चाहिए। मैं उनसे पूछता हूं कि क्या हमारी माताओं के गर्भ खेत की तरह हैं? उन्होंने चुटीले अंदाज में यह भी कहा कि यदि अजमल इन बच्चों के पालन का खर्च उठाने को तैयार हैं तो मैं सभी से कहूंगा कि 10 से 12 बच्चे पैदा करें।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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