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कश्मीरी युवक फिर आतंकवाद की राह पर

हमें फॉलो करें कश्मीरी युवक फिर आतंकवाद की राह पर
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सुरेश एस डुग्गर

श्रीनगर , शनिवार, 21 मई 2016 (19:35 IST)
श्रीनगर। अगर आधिकारिक खबरों पर विश्वास करें तो कश्मीर वादी में पिछले महीने दो शीर्ष आतंकियों वसीम मल्ला और नसीर पंडित के मारे जाने के बाद पुलवामा और शोपियां जिलों से आठ स्थानीय युवक आतंकवाद में शामिल हो गए हैं।
सूत्र कहते हैं कि चार फरार युवक हिज्बुल मुजाहिदीन जबकि चार अन्य लश्करे तैयबा आतंकी गुटों में शामिल हो गए हैं। हालांकि, पुलिस ने कहा कि युवाओं द्वारा आतंकवाद में शामिल होने के बारे में हम सुनिश्चित नहीं है। इस बीच पोस्टर बॉय आतंकी नेता बुरहानी वानी फिर से कश्मीर के कई हिस्सों में नजर आने लगा है जिसके पीछे सभी सुरक्षाबल हाथ धोकर पड़े हैं।
 
पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि हमने दो लापता युवकों, जो आतंकवाद में शामिल हो गए हैं, के बारे में पुष्टि की है। हां, पुलवामा जिला से कुछ आठ युवकों के लापता होने के बारे में कुछ रिपोर्ट और अफवाह है, लेकिन क्या वह आतंकवाद में शामिल हो गए हैं, इसके बारे में अभी तक पुष्टि नहीं हुई है। अन्य लापता युवकों के बारे में टिप्पणी करने का समय नहीं है। यह दोतरफा हो सकता है, चीजें स्पष्ट होने तक इंतजार किया जाए।
 
सूत्रों के अनुसार पुलवामा के द्रबगाम इलाके से एक युवक पिछले कई दिनों से लापता था जो कुछ दिन पहले वापस घर लौट आया है। शोपियां जिला के शीरमाल इलाके से एक युवक पिछले सप्ताह आतंकवाद में शामिल हो गया और संभवतः वह लश्कर में शामिल हो गया है। युवक द्वारा आतंकवाद में शामिल होने से शीरमाल और इसके तीन आसपास के गांवों से आतंकवाद में शामिल होने वाले युवकों की संख्य कुल चार हो गई है। अतीत में अधिकतर युवक निरंतर उत्पीड़न और अन्य संबंधित घटनाओं की वजह से आतंकवादी बन गए हैं, लेकिन इस बार कहानी काफी अलग है। स्थानीय लोगों ने कहा कि हमने सुना है कि हमारे गांव से आतंकवाद में शामिल होने वाले युवक को सुरक्षाबलों द्वारा कभी परेशान नहीं किया गया।
 
आतंकवाद में औपचारिक रूप से शामिल होने से स्थानीय लोगों के साथ किस तरह का व्यवहार करते हैं, के बारे में लोगों ने कहा कि वह इस तरह का कोई संकेत नहीं देते हैं। यहां तक कि वह उनके परिजनों को भी घर से फरार होने और आतंकवादी बनने की योजना के बारे में नहीं बताते हैं। एक स्थानीय निवासी ने कहा कि लेकिन आप उनको नमाज और अन्य धार्मिक गतिविधियों की ओर ज्यादा इच्छुक देख सकते हैं। यह सिर्फ प्रेरणा है जो इन युवकों को एहसास दिलाता है कि क्रूरता से बाहर निकलने के लिए सिर्फ आतंकवाद एकमात्र रास्ता है।
 
बड़े अंतराल के बाद नई भर्तियों के बारे में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि वास्तव में वह (आतंकी नेतृत्व) 1990 के मामले के विपरीत जमीन पर ज्यादा आतंकियों को नहीं चाहते हैं। वह आतंकियों की संख्या सीमित रखना चाहते हैं, ताकि उनको आसानी से काबू किया जा सके। 
दक्षिण कश्मीर के एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने कहा कि यदि 100 युवक आतंकी बनने के लिए तैयार हैं, तो उनके आका सभी 100 युवकों को एक बार नहीं लेंगे। वह उनको इंतजार कराएंगे और जरुरत पड़ने पर उनको शामिल करेंगे।
 
इस बीच भारतीय सेना के आतंकी संगठन हिज्ब के खात्मे को लेकर चलाए जा रहे अभियान को झटका लग सकता है। हिज्बुल के पोस्टर ब्याय बुरहान मुजफर वानी को दक्षिणी कश्मीर में देखा गया है। एक वीडियो में बुरहान संगठन में भर्ती किए गए नए लड़कों के साथ दिख रहा है। घाटी में बीते कुछ समय में सेना ने कई मुठभेड़ अभियानों के जरिए हिज्ब को पूरी तरह खत्म करने का दावा किया है। अभी तक ऐसा माना जा रहा था कि सेना ने हिज्ब के बुरहान ग्रुप के आतंकियों का पूरी तरह सफाया कर दिया है। बता दें कि हिज्ब का बुरहान ग्रुप पिछले एक साल से दक्षिणी कश्मीर में सोशल मीडिया पर वायरल है।
 
खासतौर पर दक्षिणी कश्मीर के युवा लड़के इस संगठन में शामिल हो रहे थे, ताजा रिपोर्ट की माने तो कम से कम 15 युवा लड़के इस साल हिज्ब में शामिल हुए हैं। कश्मीर में सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ ने बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी है कि किस तरह हिज्ब युवाओं को गलत रास्ते पर ले जा रहा है।


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